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________________ २८५ [20] .......................................................... क्रं. विषय पृष्ठ | क्रं. विषय २७. सुबाहुकुमार की जिज्ञासा २७२ | ४०. संयमोपकरण की मांग २८. कौटुम्बिक पुरुषों को आज्ञा २७६ | ४१. दीक्षा की तैयारी । २६. भगवान् की पर्युपासना २७७ | ४२. दीक्षा ग्रहण ३०. श्रावक धर्म ग्रहण २७६ | ४३. साधना और समाधि मरण ३२१ ३१. गौतम स्वामी की जिज्ञासा ४४. भविष्य कथन और सिद्धि गमन ३२२ ३२. महावीर स्वामी का समाधान २८४ | २. भद्रनंदी नामक दूसरा अध्ययन ३२७ ३३. श्रावक व्रतों का पालन २८८ ३. सुजात नामक तीसरा अध्ययन ३२६ ३४. सुबाहुकुमार की धर्म जागरणा २८६ ४. सुवासव नामक चौथा अध्ययन ३३० . ५. जिनदास नामक पांचवा अध्ययन ३३१ ३५. भगवान् की देशना . . ६.धनपति नामक छठा अध्ययन- ३३२ ३६. प्रव्रज्या का संकल्प ७. महाबल नामक सातवां अध्ययन ३३३ .३७. माता-पिता के समक्ष निवेदन ८.भद्रनन्दी नामक आठवध्ययन ३३४ ३८. माता-पिता और पुत्र संवाद २६८ १.महच्चन्द्र नामक नववां अध्ययन ३३५ ३६. एक दिवस का राज्य १०. वरदत्त नामक दसवां अध्ययन ३३६ २६५ ३०६ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004199
Book TitleVipak Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages362
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size7 MB
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