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________________ [16] *-*- *- *-*-*-* - *--- - पृष्ठ संख्या २२४ . २२५ २२६ २२६ २२७ २२९ २३० २३१ २३६ २४० २४३ २४४ १९१ २४६ क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय १४. सुन्दरीनन्द को प्रतिबोध १७२ अंग बाह्य के दो भेद १५. वज्र स्वामी १७३ आवश्यक के भेद १६. वृद्धों की बुद्धि १७६ आवश्यक व्यतिरिक्त के भेद १७. आंवला १७७ उत्कालिक सूत्र के भेद १८. मणि १७७ कालिक सूत्र के भेद १९. चण्ड कौशिक सर्प १७८ प्रकीर्णक ग्रन्थ २०. गेंडे का भव सुधार १८० अंगप्रविष्ट श्रुत के बारह भेद २१. विशाला नगरी का विनाश १८० आचारांग सूत्र ३६. अवग्रह के भेद १८२ सूयगडांग सूत्र .. ३७. ईहा के भेद १८६ स्थानांग सूत्र ३८. अवाय के भेद १८८ समवायांग सूत्र - ३९. धारणा के भेद १८९ व्याख्या-प्रज्ञप्ति .. ४०. अवग्रह आदि का काल ज्ञाताधर्म कथा ४१. अवग्रह की दृष्टान्तों से प्ररूपणा उपासकदसा ४२. ईहा आदि का स्वरूप १९५ अंतगडदसा ४३. अवग्रह आदि का क्रम १९६ अनुत्तरौपपातिकदसा , ४४. मतिज्ञान का विषय २०० प्रश्नव्याकरण ४५. मतिज्ञानका उपसंहार २०१ विपाकश्रुत ४६. श्रुतज्ञान २०५ दृष्टिवाद ४७. श्रुतज्ञान के भेद २०६ उपसंहार १. अक्षर श्रुत विराधना का कुफल २.अनक्षरश्रुत २०९ आराधना का सुफल ३-४. संज्ञी श्रुत, असंज्ञी श्रुत २१० द्वादशांगी की नित्यता ५. सम्यक्श्रुत २१४|४८. श्रुतज्ञान का विषय ६. मिथ्याश्रुत ४९. श्रुतज्ञान का उपसंहार ७-१०. सादि श्रुत, अनादि श्रुत, ५०. बुद्धि के आठ गुण सादि सपर्यवसित श्रुत, ५१. सुनने की विधि अनादि अपर्यवसित श्रुत २१८/५२. श्रुतज्ञान देने की विधि श्रुत की अनादिता २२२/५३. परिशिष्ट ११-१२. गमिक श्रुत-अगमिक श्रुत २२४ १. अनुज्ञानंदी १३-१४. अंगप्रविष्ठ - अंगबाह्य २२४| २. लघुनन्दी २०६ २५० २५१ २५२ २५४ २५६ २५८ २७१ २७२ २७२ २७३ २७४ २७५ २७६ २७७ २७७ २७९ २९५ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004198
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParasmuni
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages314
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size7 MB
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