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. नन्दी सूत्र
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के लिए गया। आगे चलते मार्ग भूल जाने के कारण एक भयंकर अटवी में चले गये। वहाँ पानी नहीं मिलने से प्यास के मारे सभी सैनिक व्याकुल हो गये। यह दशा देखकर राजा भी किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया। उस समय एक सेवक ने कहा-"स्वामिन् ! ऐसी कठिनाई के समय किसी अनुभवी वृद्ध पुरुष की बुद्धि ही काम आ सकती है। अतः किसी वृद्ध पुरुष की खोज करनी चाहिए।" सेवक की बात सुनकर राजा ने वृद्ध पुरुष के लिए खोज करवाई और वृद्ध पुरुष को लाकर उपस्थित करने वाले को पुरस्कार देने की घोषणा करवाई।
___ राजा की सेवा में एक पितृ-भक्त सैनिक था। वह अपने पिता को प्रणाम करके पीछे भोजन करता था। पिता को प्रणाम किये बिना भोजन नहीं करने की उसकी प्रतिज्ञा थी। इसलिए वह राजा से छिपाकर वैनेयिकी बुद्धि वाले अपने वृद्ध पिता को साथ ले आया था। राजा. की घोषणा सुनकर उसने राजा से निवेदन किया। राजा ने उस वृद्ध को बुलवाया और आदरपूर्वक पूछा-“हे महाभाग ! इस अटवी में मेरी सेना को पानी कहाँ मिलेगा? वृद्ध ने कहा-"स्वामिन् ! कुछ गधों को स्वतन्त्र छोड़ दीजिये, वे जहाँ भूमि को सूंघे, वहीं आस-पास में पानी है।" राजा ने वैसा ही करवाया, जिससे सेना को पानी मिल गया और सभी सैनिकों के प्राण बच गये।
इस प्रकार पानी खोजने का उपाय बताना, उस वृद्ध की वैनेयिकी बुद्धि है।
८. घर जमाई
(लक्षण) फारस देश में एक विनयबुद्धि सम्पन्न घोड़ों का व्यापारी रहता था। उसके पास बहुत-से घोड़े थे। उसने किसी एक योग्य पुरुष को घोड़ों की साल-सम्हाल करने के लिए रखा और उससे कहा-"तुम इतने वर्ष तक काम करोगे, तो तुम्हारी इच्छानुसार दो घोड़े तुम को परिश्रम के बदले में दिये जायेंगे।" उसने स्वीकार कर लिया। इसके बाद वह घोड़ों की देखभाल करने लगा। रहतेरहते स्वामी की कन्या के साथ उसका गाढ़ स्नेह हो गया। एक दिन उसने कन्या से पूछा कि-. "इन सब घोड़ों में दो घोड़े सब से अच्छे कौन-से हैं?" कन्या ने कहा-"यों तो सभी घोड़े अच्छे हैं, किन्तु जो पर्वत के शिखर पर से गिराये गये पत्थरों के शब्दों को सुन कर भी नहीं डरते हैं, वे दो घोड़े सभी में उत्तम हैं।" उसने उसी प्रकार परीक्षा करके उन दो घोड़ों की पहचान कर ली। फिर निश्चित समय पूरा होने पर, अपना पारिश्रमिक लेने के समय उसने स्वामी से कहा-"मुझे अमुक-अमुक दो घोड़े दीजिए।" स्वामी ने उससे कहा-'ये दोनों घोड़े तो दुबले पतले हैं, इन्हें लेकर क्या करोगे? ये दूसरे अच्छे-अच्छे पुष्ट घोड़े हैं, इन्हें ले लो।" उसने सेठ से कहा-"मुझे
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