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नन्दी सूत्र ******************************* भाँड - "यह जूतों की गठड़ी है।" रानी - "इसका क्या प्रयोजन है?"
भाँड - "महारानीजी! इन जूतों को पहनता हुआ जहाँ तक जा सकूँगा या जाऊँगा और आपकी अपयश-गाथा का प्रचार करूँगा।"
रानी अपनी बदनामी से डरी और उसने निर्वासन का हुक्म रद्द कर दिया। निर्वासन की आज्ञा को रद्द करवाने में भाँड की औत्पत्तिकी बुद्धि थी।
. ११. लाख की गोली
(गोलक) एक बार किसी बालक के नाक के ऊँचे भाग में लाख की गोली फंस गई और निकल नहीं पाई। बालक को श्वास लेने में कष्ट होने लगा। बालक के माता-पिता बहुत चिंतित हुए। वे उसे एक सुनार के पास ले गये। सुनार ने अपने बुद्धिबल से काम लिया। उसने लोहे की एक पतली सलाई के अग्रभाग को तपा कर सावधानी पूर्वक उसको बालक के नाक में डाला और उससे लाख की गोली को गला कर नाक में से खींच ली। बालक स्वस्थ हो गया। उसके माता-पिता बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने सुनार को बहुत इनाम दिया। सुनार की यह औत्पत्तिकी बुद्धि थी।
१२. तालाब स्थित स्तंभ बाँधना
(स्तम्भ) किसी समय एक राजा को एक अतिशय बुद्धिमान् मंत्री की आवश्यकता हुई। बुद्धि की परीक्षा करने के लिए राजा ने तालाब के बीच में एक स्तम्भ गड़वा दिया और यह घोषणा करवाई कि - "जो व्यक्ति तालाब के किनारे खड़ा रह कर इस स्तम्भ को रस्सी से बांध देगा, उसे राजा की ओर से एक लाख रुपये इनाम में दिये जाएंगे।" यह घोषणा सुन कर एक बुद्धिमान् पुरुष ने तालाब के किनारे पर लोहे की एक कील गाड़ दी और उसमें रस्सी बाँध दी। उसी रस्सी को साथ लेकर वह तालाब के किनारे-किनारे चारों ओर घुम गया, बाद में रस्सी में से खूटी निकाल कर उस छिद्र में रस्सी का दूसरा सिरा पिरो दिया। फिर उस सिरे को ज्यों-ज्यों खिंचा, त्यों-त्यों घेरा कम होता गया होगा और अंत में खंभा बंध गया। उसकी बुद्धिमत्ता पर राजा बहुत प्रसन्न हुआ। राजा ने अपनी घोषणा के अनुसार उसे इनाम दिया और उसे अपना मंत्री बना दिया।
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