SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 248
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपरकंका नामक सोलहवां अध्ययन - कुंती द्वारा सहायता हेतु श्रीकृष्ण से अनुरोध २१९ xccccccccccccccccccccccccccccccccccccccccccx भावार्थ - इस प्रकार वासुदेव कृष्ण द्वारा विदा किए जाने पर कुंती देवी जिस ओर से आई थी, उसी ओर प्रस्थान कर गई। (१६७) तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - गच्छह णं तुन्भे देवाणुप्पिया! बारवई णयरिं एवं जहा पंडू तहा घोसणं घोसावेइ जाव पच्चप्पिणंति पंडुस्स जहा। भावार्थ - इस प्रकार वासुदेव कृष्ण ने कौटुंबिक पुरुषों को बुलाकर आदेश दिया - देवानुप्रियो! तुम द्वारवती नगरी में उसी प्रकार घोषणा करवाओ, जिस प्रकार राजा पांडु ने हस्तिनापुर में करवाई थी। ___ कौटुंबिक पुरुषों ने वैसा ही किया यावत् कृष्ण वासुदेव को उसी प्रकार सूचित किया, जिस प्रकार हस्तिनापुर में पांडु को किया गया था। (१६८) - तए णं से कण्हे वासुदेवे अण्णया अंतो अंतेउरगए ओरोहे जाव विहरइ। इमं च णं कच्छुल्लणारए जाव समोवइए जाव णिसीइत्ता कण्हं वासुदेवं कुसलोदंतं पुच्छइ। . भावार्थ - तदनंतर किसी समय कृष्ण वासुदेव अंतःपुर में रानियों के साथ यावत् सुखपूर्वक स्थित थे। उसी समय कच्छुल्लनारद समवसृत हुए यावत् गगनमार्ग से वहाँ उतरे यावत् वासुदेव कृष्ण के समीप अपनी विधि से आसनासीन हुए तथा कृष्ण वासुदेव से कुशल समाचार पूछे।। - (१६६) .. तए णं से कण्हे वासुदेवे कच्छुल्लं णारयं एवं वयासी - तुमं णं देवाणुप्पिया! बहूणि गामागर जाव अणुपविससि, तं अत्थियाई ते कहिंचि दोवईए देवीए सुई वा. जाव उवलद्धा? तए णं से कच्छुल्लणारए कण्हं वासुदेवं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया! अण्णया धायईसंडे दीवे पुरत्थिमद्धं दाहिणड्डभरहवासं अवरकंकारायहाणिं गए, तत्थ णं मए पउमणाभस्स रण्णो भवणंसि दोवई देवी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004197
Book TitleGnata Dharmkathanga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages386
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy