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जीवाजीवाभिगम सूत्र .0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000.. निश्रा में असंख्यात अपर्याप्तक बादर निगोद उत्पन्न होते हैं। उनसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा हैं क्योंकि लोक व्यापी होने से असंख्यातगुणा क्षेत्र है। उनसे सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा हैं क्योंकि सूक्ष्मों में अपर्याप्तकों से पर्याप्तक संख्यातगुणा हैं।
२. प्रदेश की अपेक्षा - सबसे थोड़े बादर निगोद पर्याप्तक, उनसे बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा और उनसे सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा हैं।
दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवा बायरणिओया य पज्जत्ता दव्वट्ठयाए जाव सुहमणि णिओया पजत्ता य दव्वट्ठयाए संखेजगुणा, सुहुमणिओएहिंतो पज्जत्तएहिंतो दव्वट्ठयाए बायरणिओया पजत्ता पएसट्ठयाए अणंतगुणा, बायरणिओया अपजत्ता पएसट्ठयाए असंखे० जाव सहमणिओया पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेजगुणा। एवं णिओयजीवावि, णवरि संकमए जाव सुहुमणिओयजीवेहितो पजत्तएहितो दव्वट्ठयाए बायरणिओयजीवा पजत्ता पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, सेसं तहेव जाव सुहमणिओयजीवा पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेज्जगुणा॥
भावार्थ - द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा से-सबसे थोड़े बादर निगोद पर्याप्तक द्रव्य की अपेक्षा से, उनसे बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा द्रव्य की अपेक्षा, उनसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा द्रव्य की अपेक्षा उनसे सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा द्रव्य की अपेक्षा से, उनसे बादर निगोद पर्याप्तक अनंतगुणा प्रदेश की अपेक्षा से, उनसे बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा प्रदेश की अपेक्षा से, उनसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा प्रदेश की अपेक्षा से, उनसे सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा प्रदेश की अपेक्षा से।
इसी प्रकार निगोद जीवों का अल्पबहुत्व भी समझ लेना चाहिये विशेषता यह है कि सूक्ष्म निगोद जीव पर्याप्तक संख्यातगुणा द्रव्य की अपेक्षा से बादर निगोद जीव पर्याप्तक असंख्यातगुणा प्रदेश की अपेक्षा से कह देना चाहिये। इसी प्रकार यावत् सूक्ष्म निगोद जीव पर्याप्तक संख्यातगुणा प्रदेश की अपेक्षा समझना चाहिये।
विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में निगोदों का अल्पबहुत्व द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा सम्मिलित रूप से कहा गया है। निगोदों के समान ही निगोद जीवों का अल्पबहुत्व इस प्रकार है - ___ द्रव्य की अपेक्षा से - सबसे थोड़े बादर निगोद जीव पर्याप्तक, उनसे बादर निगोद जीव अपर्याप्तक असंख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म निगोद जीव अपर्याप्तक असंख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म निगोद जीव पर्याप्तक संख्यातगुणा।
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