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तृतीय प्रतिपत्ति - तृतीय नैरयिक उद्देशक:- नैरयिकों को होने वाली क्षणिक साता
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नैरयिकों को होने वाली क्षणिक साता उववाएण व सायं, णेरइओ देवकम्मुणो वावि। अज्झवसाण णिमित्तं, अहवा कम्माणुभावेणं॥६॥
भावार्थ - नैरयिक जीवों में से कोई जीव उपपात के समय ही साता का वेदन करता है, पूर्व सांगतिक देव के निमित्त से कोई नैरयिक थोड़े समय के लिए साता का वेदन करता है, कोई नैरयिक सम्यक्त्व-उत्पत्तिकाल में शुभ अध्यवसायों के कारण साता का वेदन करता है अथवा कर्मानुभाव सेतीर्थंकरों के जन्म, दीक्षा, ज्ञान तथा निर्वाण कल्याण के निमित्त से साता का अनुभव करते हैं।... . विवेचन - नैरयिक जीव क्षणिक साता का किस प्रकार अनुभव करते हैं यह प्रस्तुत गाथा में कहा गया है।
. कोई नैरयिक जीव उपपात के समय साता का अनुभव करता है। जो नैरयिक जीव पूर्व के भव में दाह या छेद आदि के बिना सहज रूप में मृत्यु को प्राप्त हुआ हो वह अधिक संक्लिष्ट परिणाम वाला नहीं होता है। उस समय उसके न तो पूर्वभव में बांधा हुआ मानसिक दुःख है और न क्षेत्र स्वभाव से होने वाली पीड़ा है और न ही परमाधामी कृत या परस्पर उदीरित वेदना ही है। इस प्रकार दुःख का अभाव होने से कोई जीव साता का वेदन करता है। ११ कोई जीव देव के प्रभाव से थोड़े समय के लिए साता का अनुभव करता है। जैसे कृष्ण वासुदेव की वेदना के उपशम के लिए बलदेव नरक में गये थे। इसी प्रकार पूर्व सागंतिक देव के प्रभाव से थोड़े समय के लिये नैरयिकों को साता का अनुभव होता है।
कोई. नैरयिक सम्यक्त्व उत्पत्ति के काल में अथवा उसके बाद भी कदाचित् तथाविध विशिष्ट शुभ अध्यवसाय से बाह्य क्षेत्रज वेदना आदि के होते हुए भी साता का अनुभव करता है। आगम में कहा है कि सम्यक्त्व की उत्पत्ति के समय जीव को वैसा ही प्रमोद भाव होता है जैसे किसी जन्मान्ध को नेत्र लाभ होने से होता है। इसके बाद भी तीर्थंकरों के मुणानुमोदन आदि विशिष्ट भावना भाते हुए वे साता का वेदन करते हैं।
तीर्थंकरों के जन्म, दीक्षा, ज्ञान तथा निर्वाण कल्याणक आदि बाह्य निमित्त को लेकर तथा तथाविध साता वेदनीय कर्म के विपाकोदय के निमित्त से नैरयिक जीव क्षणिक साता का अनुभव करते हैं।
देव प्रभाव से तथा कर्मानुभाव से - तीर्थंकर या कोई पुण्यवंत जीवों के पुण्य प्राग्भार से संभवत: परमाधामियों का संयोग ही नहीं मिलता होगा। अथवा तो परमाधामी दुःख देते हों तब भी पुद्गल परिणमन के कारण आम निंबोली अनुसार पानी परिणमवत् अल्प वेदना जैसा लगे एवं एक ही
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