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________________ [16] . ३३० ३३१ . .३३३ २८३ २४ ३३५ क्रमांक विषय. पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या १११. गंध और गंधशत २७५ १३७. एकोरुक द्वीप में माता आदि .. ३३० ११२. वल्लियाँ और वल्लिशत २७६ | १३८. एकोरुक द्वीप में अरि आदि ११३. लताएं और लताशत २७६ /१३९. एकोरुक द्वीप में मित्र आदि ११४. हरितकाय और हरितकायशत २७७ /१४०. एकोरुक द्वीप में विवाह आदि ३३१ ११५.विमानों के नाम २७८/१४१. एकोरुक द्वीप में महोत्सव ३३२ ११६. विमानों की महत्ता २७९/१४२. एकोरुक द्वीप में खेल आदि ३३२. द्वितीय तिर्यंचयोनिक उद्देशक |१४३. एकोरुक द्वीप में वाहन ३३३ ११७. पृथ्वीकायिक आदि जीव २८२ | १४४. एकोरुक द्वीप में पशु आदि ११८. त्रसकायिक जीव |१४५. एकोरुक द्वीप में धान्य आदि. ३३४ ११९. पृथ्वीकायिकों का वर्णन |१४६. एकोरुक द्वीप में गड्ढे आदि ३३४ १२०. अविशुद्ध लेशी विशुद्धलेशी अनगार | १४७. एकोरुक द्वीप में कांटे आदि १२१. अन्यतीर्थिक और क्रिया प्ररूपणा । | १४८. एकोरुक द्वीप में डांस आदि... ३३५ १४९. एकोरुक द्वीप में सर्प आदि मनुष्य उद्देशक . ३३६ १५०. एकोरुक द्वीप में उपद्रव आदि ३३६ १२२. मनुष्य के भेद |१५१. एकोरुक द्वीप में युद्ध रोग आदि ३३८ . १२३. एकोरुक द्वीप का वर्णन १५२. एकोरुक द्वीप में जल के उपद्रव आदि ३३९. १२४. दस वृक्षों का वर्णन १५३. एकोरुक द्वीप में खाने आदि । ३३९ १२५. एकोरुक द्वीप के मनुष्यों का वर्णन १५४. एकोरुक द्वीप में मनुष्य स्थिति ३४१ १२६. एकोरुक मनुष्य स्त्रियों का वर्णन । १५५. एकोरुक द्वीप में मनुष्यों का उपपात ३४१ ...१२७. मनुष्यों का आहार १५६. आभाषिक द्वीप के मनुष्य १२८. पृथ्वी का स्वाद १५७. नांगोलिक द्वीप के मनुष्य . ३४२ १२९. पुष्पों और फलों का स्वाद १५८. वैषाणिक द्वीप के मनुष्य . ३४२ १३०. वृक्षों का संस्थान -- ३२७ १५९. हयकर्ण द्वीप के मनुष्य १३१. एकोरुक द्वीप में घर आदि १६०. गजकर्ण द्वीप के मनुष्य १३२. एकोरुक द्वीप में ग्राम आदि |१६१. शष्कुलि कर्णद्वीप के मनुष्य १३३. एकोरुक द्वीप में असि आदि १९८१६२. शेष द्वीपों के मनुष्य ३४५ १३४. एकोरुक द्वीप में हिरण्य आदि |१६३. उत्तरदिशा के मनुष्य ३४६ १३५. एकोरुक द्वीप में रजा आदि ३२९ १६४. अकर्म भूमिज और १३६. एकोरुक द्वीप में नौकर आदि ३३० ण कर्म भूमिज मनुष्य ३४९ ३४२ ३४३ ३२८ ३४३ ३२८ ३२८ ३२९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004194
Book TitleJivajivabhigama Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages370
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size8 MB
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