________________
___ [15]
*HHHHHHHHHHHH
२०९
२१२
२
२११
२२१
*
****** क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या ६१. घनोदधि आदि वलयों की मोटाई २०४/८७. नरकों में शीत उष्ण वेदना २४३-२५१ ६२. सर्व जीव पुद्गलों का उत्पाद
१.नरकों की उष्ण वेदना
२४५ ६३. रत्नप्रभा आदि शाश्वत या अशाश्वत २११ । २.नरकों में शीत वेदना
२५० ६४. पृथ्वियों का अंतर
८८. नैरयिकों की स्थिति
२५१ ६५. बाहल्य की अपेक्षा तुल्यता आदि .
८९. नैरयिकों की उद्वर्तना . २५२
२५२ |९०. नरकों में पृथ्वी आदि का स्पर्श द्वितीय नैरयिक उद्देशक
९१. नरक पृथ्वियों की अपेक्षा से मोटाई २५३ ६६. नरकावास कहाँ हैं?
|९२. नरकों में उपपात
२५४ ६७. नरकावास कैसे हैं?
तृतीय नैरयिक उद्देशक ६८. नरकावासों का आकार ६९. नरकावासों की मोटाई आदि
|९३. नैरयिकों में पुद्गल परिणमन . २५८ ७०. नरकावासों के वर्ण, गंध आदि
|९४. सातवीं पृथ्वी में जाने वाले जीव २५८ ७१. नरकावासों का विस्तार
९५. नैरयिकों का विकुर्वणा काल २५९ ७२. नरकावास किसके बने हुए हैं ?
|९६. नैरयिकों का आहार
. २६० '७३. नरकों का उपपात
|९७. नैरयिकों की अशुभ विक्रिया २६० ७४. नैरयिकों की संख्या
९८. नैरयिकों को होने वाली क्षणिक साता २६१ ७५. नैरयिक जीवों की अवगाहना ..
|९९. नैरयिकों का दुःख से उछलना २६२ ७६. नैरयिकों में संहनन
|१००. जीव के द्वारा छोड़े गये शरीर २६२ ७७. नैरयिकों में संस्थान
| १०१. नैरयिकों के दुःख
२६३ ७८. नैरयिकों के शरीर के वर्णादि
२३४
प्रथम तिर्यंच योनिक उद्देशक ७९. नैरयिकों का श्वासोच्छ्वास व
१०२. तिर्यंच योनिकों के भेद.. २६४ - आहार आदि
२३५ /१०३. एकेन्द्रिय जीवों के भेद-प्रभेद २६४ ८०. नैरयिकों में लेश्याएं
२३६ /१०४. बेइन्द्रिय आदि तिर्यंच जीव २६६ ८१. नैरयिकों में दृष्टि
२३७ /१०५. पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिक के भेद ८२. नैरयिकों में ज्ञानी-अज्ञानी २३८/१०६. जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक २६६ ८३. नैरयिकों में योग उपयोग
२३८/१०७. स्थलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक २६७ ८४. नैरयिकों में समुद्घात
२४०/१०८. खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक २६९ ८५. नैरयिकों की भूख प्यास २४०/१०९. खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यंचों का योनि संग्रह २६९ ८६. नैरयिकों की विकुर्वणा २४१ / ११०. द्वार प्ररूपणा
२७०
२२९
२३१
२३३
WU
.२३४
२६६
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org