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द्वितीय प्रतिपत्ति - पुरुष वेद की स्थिति
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गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। तिरिक्खजोणियपुरिसाणं मणुस्साणं जा चेव इत्थीणं ठिई सा चेव भाणियव्वा।
देवपुरिसाणवि जाव सव्वट्ठसिद्धाणं ठिई जहा पण्णवणाए (ठिइपए) तहा भाणियव्वा ॥५३॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! पुरुष की स्थिति कितने काल की कही गई है?
उत्तर - हे गौतम! पुरुष की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त उत्कृष्ट तेत्तीस सागरोपम की है। तिर्यंच योनिक पुरुषों और मनुष्य पुरुषों की स्थिति तिर्यंच स्त्रियों और मनुष्य स्त्रियों की तरह कह देनी चाहिये। देवपुरुषों यावत् सर्वार्थसिद्ध पुरुषों की स्थिति प्रज्ञापना सूत्र के स्थिति पद के अनुसार समझनी चाहिये।
विवेचन - पुरुषवेद की कालस्थिति का प्रस्तुत सूत्र में कथन किया गया है। अंतर्मुहूर्त में मरण हो जाने की अपेक्षा अंतर्मुहूर्त की जघन्य स्थिति कही गई है। अनुत्तरौपपातिक देवों की अपेक्षा तेतीस सागरोपम की उत्कृष्ट स्थिति कही गई है। तिर्यंच पुरुषों, मनुष्यों और देवों की अलग अलग स्थिति इस प्रकार है -
जलचर पुरुषों की जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट पूर्वकोटि, चतुष्पद स्थलचर पुरुषों की जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट तीन पल्योपम, उरपरिसर्प स्थलचर पुरुषों की जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट पूर्वकोटि, भुजपरिसर्प स्थलचर पुरुषों तथा खेचर पुरुषों की जघन्य अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्ट पल्योपम के असंख्यातवें भाग की स्थिति है। ___ भरत ऐरवत कर्मभूमिज मनुष्य पुरुषों की क्षेत्र की अपेक्षा जघन्य स्थिति अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्ट तीन पल्योपमं की है. चारित्र धर्म की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है। पूर्वविदेह पश्चिमविदेह पुरुषों की क्षेत्र की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है। चारित्र धर्म की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
अकर्मभूमिज मनुष्यों में हैमवत ऐरण्यवत के मनुष्य पुरुषों की जन्म की अपेक्षा स्थिति जघन्य पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम एक पल्योपम की उत्कृष्ट स्थिति पल्योपम की तथा संहरण की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि की है। हरिवर्ष रम्यकवर्ष के मनुष्य पुरुषों की स्थिति जन्म की अपेक्षा पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम दो पल्योपम की और उत्कृष्ट दो पल्योपम की है। संहरण की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है। देवकुरुउत्तरकुरु के मनुष्य पुरुषों की जन्म की अपेक्षा जघन्य स्थिति पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम तीन पल्योपम की और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की तथा संहरण की अपेक्षा जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट
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