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________________ विषयानुक्रणिका पृष्ठ क्रं. विषय १. नगरी वर्णन २. चैत्य वर्णन ३. वनखण्ड वर्णन . ४. अशोक वृक्ष ५. शिलापट्टक वर्णन ६. कोणिक राजा का वर्णन ७. धारिणी रानी का वर्णन ८. कोणिक राजा की भगवद्भक्ति ९. भगवान् महावीर का वर्णन १०. भगवान् का शरीर वर्णन ११. शिख-नख वर्णन . १२. धर्म सन्देशवाहक १३. कोणिक का परोक्ष वन्दन १४. भगवान् का आगमन १५. भगवान् के अन्तेवासी १६. निर्ग्रन्थों की ऋद्धि १७. निर्ग्रन्थों का तप १८. स्थविरों के बाह्य-आभ्यन्तर गुण १९. अनगारों के गुण . २०. निर्ग्रन्थों की उपमाएँ पृष्ठ | | क्र. विषय २१. अनगारों का अप्रतिबन्ध विहार | २२. अनगारों की तपश्चर्या २३. बाह्य तप २४. आभ्यन्तर तप २५. अनगारों की सक्रियता २६. संसार सागर से तिर कर पार होना २७. देवों का आगमन | २८. देवों का शरीर और शृंगार २१ | २९. भवनपति देवों का वर्णन | ३०. व्यंतर देवों का वर्णन ३१. ज्योतिषी देवों का वर्णन | ३२. वैमानिक देवों का वर्णन | ३३. चम्पा नगरी में लोक वार्ता ३४. भगवान् के पास जन समूह का गमन ३८ | ३५. कोणिक को भगवान् की दिनचर्या का निवेदन | ३६. कोणिक राजा का आदेश ४८ | ३७. अभिवंदना की तैयारी ५३ | ३८. कोणिक का स्नान मर्दनादि ५४ | ३९. अभिवन्दना के लिए प्रस्थान ९९ १०० १०२ १०४ १०५ १०६. १११ ११४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004190
Book TitleUvavaiya Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages222
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size23 MB
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