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अध्ययन १
विभए, किट्टे उवट्ठिएसु वा अणुवट्ठिएसु वा सुस्सूसमाणेसु पवेयए, संतिविरतिं उवसमं णिव्वाणं सोयवियं अज्जवियं महवियं लाघवियं अणतिवाइयं सव्वेसिं पाणाणं सव्वेसिं भूयाणं जाव सत्ताणं अणुवाइं किट्टए धम्म ।
से भिक्खू धम्मं किट्टमाणे णो अण्णस्स हेडं धम्ममाइक्खेजा, णो पाणस्स हेउं धम्म-माइक्खेज्जा, णो वत्थस्स हेडं धम्म-माइक्खेज्जा, णो लेणस्स हेडं धम्ममाइक्खेज्जा, णो सयणस्स हेडं धम्म-माइक्खेज्जा, णो अण्णेसिं विरूव-रूवाणं काम-भोगाणं हेउं धम्म-माइक्खेज्जा, अगिलाए धम्म-माइक्खेज्जा, णण्णत्थ कम्म-णिज्जरट्ठाए धम्म-माइक्खेज्जा।
इह खलु तस्स भिक्खुस्स अंतिए धम्मं सोच्चा, णिसम्म उट्ठाणेणं, उट्ठाय वीरा अस्सिं धम्मे समुट्टिया; जे तस्स भिक्खुस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म सम्मं उट्ठाणेणं उदाय वीरा अस्सिं धम्मे समुट्टिया ते एवं सव्वोवगया, ते एवं सव्वोवरया, ते एवं सव्वोवसंता, ते एवं सव्वत्ताए परिणिव्वुडे त्ति बेमि । . एवं से भिक्खू धम्मट्ठी धम्म-विऊ णियाग-पडिवण्णे से जहेयं बुइयं अदुवा पत्ते पंउमवर-पोंडरीयं अदुवा अपत्ते पउमवर-पोंडरीयं, एवं से भिक्खू परिण्णायकम्मे परिण्णाय-संगे परिण्णाय गेहवासे उवसंते समिए सहिए सया जए । सेयं वयणिज्जे तंजहा-समणे त्ति वा, माहणे त्ति वा, खंते त्ति वा, दंते त्ति वा, गुत्ते त्ति वा, मुत्ते त्ति वा, इसी त्ति वा, मुणी त्ति वा, कइ त्ति वा, विऊ त्ति वा, भिक्खू त्ति वा, लूहे त्ति वा, तीरट्ठी त्ति वा, चरण-करण-पारविऊ ॥त्ति बेमि ॥ __ कठिन शब्दार्थ - छज्जीवणिकाय - षड्जीवनिकाय-छह काय के जीवों को, अट्ठीण - हड्डी से, लेलूण- ढेले से, कवालेण - घड़े के टुकडे से, आउट्टिजमाणा - मारते हुए, हम्ममाणा - पीटते हुए, तजिजमाणा - तर्जना देते हुए, ताडिजमाणा - ताडना देते हुए, परियाविजमाणा - परिताप पहुँचाते हुए, किलामिजमाणा - किलामना (क्लेश) उपजाते हुए, उद्दविजमाणा - उद्वेग उपजाते हुए, असायंअसाता, लोमुक्खणणमायमवि - रोम उखाडने मात्र से भी, अजावेयव्वा- अधीन बनावे, परिघेतव्वादास आदि बनावे, परितावेयव्वा - परिताप दे, उद्दवेयव्वा - उद्विग्न करे, अईया - अतीत में हुए, पडुप्पण्णा - वर्तमान में है, आगमेस्सा - भविष्य में होंगे, विरए- विरत, दंतपक्खालणेणं - दंतप्रक्षालन-दतौन से, पक्खालेज्जा - प्रक्षालन करे, परिआविएज्जा - धूम्रपान करे, अलूसए - अहिंसक, सुचरिय तव णियमबंभचेर वासेणं - सुचरित तप नियम ब्रह्मचर्यवास के द्वारा,
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