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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 - भावार्थ - जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में भरत दीर्घ वैतात्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, भरत, खंदक, मणिभद्र, वैताढ्य, पूर्णभद्र, तिमिस्रगुफा, भरत और वैश्रमण, ये भरतकूट के नाम हैं ।।१॥
जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में निषध वर्षधर पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, निषध, हरिवर्ष, विदेह, हरि, धृति, सीतोदा, अपरविदेह और रुचक । ये निषध पर्वत के कूटों के नाम हैं ।।२॥
___ जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के नन्दनवन में नौ कूट कहे गये हैं यथा - नन्दन, मन्दर, निषध, हेमवय, रजत, रुचक, सागरचित्र, वन और बलकूट ।। ३॥ - इस जम्बूद्वीप के मालवंत वक्षस्कार पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, मालवंत, उत्तरकुरु, कच्छ, सागर, रजत, सीता, पूर्णभद्र और हरिस्सह कूट ।। ४॥
जम्बूद्वीप के कच्छ विजय में दीर्घ वैतात्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, कच्छ, खंदक, मणिभद्र, वैताढ्य, पूर्णभद्र, तिमिस्रगुफा, कच्छ और वैश्रमण । ये कच्छ विजय के कूटों के नाम हैं ॥५॥ - जम्बूद्वीप के सुकच्छ विजय के दीर्घवैताढ्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, सुकच्छ, खंदक, मणिभद्र, वैताढ्य, पूर्णभद्र, तिमिस्रगुफा, सुकच्छ और वैश्रमण । ये सुकच्छ विजय के कूटों के नाम हैं ।।६॥ ___ इसी तरह पुष्कलावती विजय के दीर्घ वैताब्य तक कूटों के नाम जान लेने चाहिए । इसी प्रकार वच्छ विजय के दीर्घ वैताढ्य यावत् मङ्गलावती विजय के दीर्घ वैताढ्य पर्वत तक कूटों के नाम जान लेने चाहिएं।
___ जम्बूद्वीप के विदयुत्प्रभ वक्षस्कार पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, विदयुत्प्रभ, देवकुरु, पद्म, कनक, सौवस्तिक, सीतोदा, सजल और हरिकूट ।।७॥ .
जम्बूद्वीप के पद्म दीर्घ वैतात्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, पद्म, खन्दक, मणिभद्र, वैताढ्य, पूर्णभद्र, तिमिस्रगुफा, पद्म और वैश्रमण। ये पद्म पर्वत पर के कूटों के नाम हैं। ८। ___इसी तरह सलिलावती विजय के दीर्घ वैताब्य पर्वत पर और वप्रावती विजय के दीर्घ वैताढ्य पर्वत पर नौ नौ कूट हैं । गन्धिलावती विजय के दीर्घ वैताब्य पर्वत पर नौ कूट कहे गये हैं यथा - सिद्ध, गन्धिल, खन्दक, मणिभद्र, वैताव्य, पूर्णभद्र, तिमिस्रगुफा, गन्धिलावती और वैश्रमण । ये कूटों के नाम हैं ॥९॥
इसी तरह सब दीर्ष वैताब्य पर्वत पर नौ नौ कूट हैं जिनमें दो दो के नाम तो उसी पर्वत के समान नाम वाले हैं और शेष सात सात कूटों के नाम ऊपर कहे अनुसार हैं । जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के उत्तर
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