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स्थान ७ .
१७१ 000000000000000000000000000000000000000000000000000 शामलीन, शेलक, अस्थिसेन और. वातकृष्ण। कोत्स सात प्रकार के कहे गये हैं यथा - कोत्स, मौद्गलायन, पिंगलायन, कौडीन, मण्डलीन, हारित और सोमक। कौशिक सात प्रकार के कहे गये हैं यथा - कौशिक, कात्यायन, शालंकायन, गोलिकायन, पक्षिकायन, आगित्य और लोहित। माण्डव सात प्रकार के कहे गये हैं यथा - माण्डव, अरिष्ठ, समुत, तैल, एलापत्य, काण्डिल्य और क्षारायन । वाशिष्ठ सात प्रकार के कहे गये हैं यथा - वाशिष्ठ, उंजायन, जारकृष्ण,, वर्षापत्य, कौडिन्य संज्ञी और पाराशर।
विवेचन - गोत्र - किसी महापुरुष से चलने वाली मनुष्यों की सन्तान परम्परा को गोत्र कहते हैं। मूल गोत्र सात हैं
१. काश्यप - भगवान् मुनिसुव्रत और नेमिनाथ को छोड़ कर बाकी तीर्थंकर, चक्रवर्ती, सातवें गणधर से लेकर ग्यारहवें गणधर तथा जम्बूस्वामी आदि इसी गोत्र के थे।
२. गौतम - बहुत से क्षत्रिय, भगवान् मुनिसुव्रत और नेमिनाथ, नारायण और पद्म को छोड़ कर बाकी सभी बलदेव और वासुदेव, इन्द्रभूति आदि तीन गणधर और वैरस्वामी गौतम गोत्री थे।
३. वत्स - इस गोत्र में शय्यम्भव स्वामी हुए हैं। .. ४. कुत्सा- इसमें शिवभूति आदि हुए हैं। ५. कौशिक - षडुलूक आदि। ६. मण्डव - मण्डु की सन्तान परम्परा से चलने वाला गोत्र।
७. वाशिष्ठ - वशिष्ठ की सन्तान परम्परा । छठे गणधर तथा आर्य सुहस्ती आदि। इन में प्रत्येक गोत्र की फिर सात सात शाखाएं हैं।
नय सात सत्त मूल णया पण्णत्ता तंजहा - णेगमे, संगहे, ववहारे, उज्जुसुत्ते, सहे, .. समभिरूढे, एवंभूएं॥६६॥
कठिन शब्दार्थ - मूल णया - मूल नय, णेगमे - नैगम, उज्जुसुत्ते - ऋजुसूत्र, सहे - शब्द, एवंभूए - एवंभूत । । भावार्थ - सात मूल नय कहे गये हैं । प्रमाण से जानी हुई अनन्त धर्मात्मक वस्तु के एक धर्म
को मुख्य रूप से जानने वाले तथा दूसरे धर्मों में उदासीन रहने वाले ज्ञान को नय कहते हैं । नय के सात भेद हैं यथा - १. नैगम - जो अनेक गमों अर्थात् बोधमार्गों से वस्तु को जानता है अथवा अनेक भावों से वस्तु का निर्णय करता है उसे नैगम नय कहते हैं ।२. संग्रह - विशेष से रहित सत्त्व, द्रव्यत्व आदि सामान्य मात्र को ग्रहण करने वाले नय को संग्रह नय कहते हैं । ३. व्यवहार - लौकिक व्यवहार के अनुसार विभाग करने वाले नय को व्यवहार नय कहते हैं । ४. ऋजुसूत्र - वर्तमान में होने वाली पर्याय को प्रधान रूप से ग्रहण करने वाले नय को ऋजुसूत्र नय कहते हैं । ५. शब्द - काल, कारक,
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