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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 नोआतोदय शब्द दो प्रकार का कहा गया है यथा - नुपूर आदि भूषणों के शब्द और नोभूषण शब्द। नोभूषण शब्द दो प्रकार का कहा गया है यथा - ताली बजाने का शब्द और लतिका शब्द। दो कारणों से शब्द की उत्पत्ति होती है यथा - घण्टा आदि पदार्थों को पीटने से शब्द की उत्पत्ति होती है और बांस आदि पदार्थों के तोड़ने से शब्द की उत्पत्ति होती है।
विवेचन - दूसरे स्थानक के दूसरे उद्देशक में जीव और पदार्थ अनेक प्रकार से कहे हैं। इस तीसरे उद्देशक में जीव को सहायता देने वाले पुद्गल धर्म, जीव धर्म, क्षेत्र और द्रव्य रूप पदार्थ की प्ररूपणा की है। दूसरे उद्देशक के अंतिम सूत्र में देवों के शरीर का निरूपण किया है। शरीरधारी . शब्दादि का ग्राहक होता है अतः तीसरे उद्देशक के प्रारंभ में शब्द का निरूपण किया गया है। ____भाषा पर्याप्ति नाम कर्म के उदय से प्राप्त जीव का शब्द भाषा शब्द कहलाता है और इसके अतिरिक्त जो अजीव आदि का शब्द है वह नो भाषा शब्द है। भाषा शब्द दो प्रकार का कहा है - १. अक्षर संबद्ध - अक्षर सहित-अक्षर के उच्चारण वाला २. नो अक्षर संबद्ध - अक्षर रहित-बिना अक्षर के उच्चारण वाला। नो भाषाशब्द के दो भेद हैं - १. आतोद्य - ढोल आदि के शब्द और २. नो आतोद्य- बांस आदि को फाडने (चीरने) से होने वाला शब्द। इसी प्रकार शेष शब्दों का अर्थ भावार्थ में बता दिया गया है।
__ अब शब्द का कारण बताते हुए सूत्रकार फरमाते हैं कि - दो कारण से शब्द की उत्पत्ति होती है - १. पुद्गलों के संघति (एकत्रित) होने से जैसे घंटा आदि को पीटने से बादर परिणाम को प्राप्त पुद्गलों के संघात से शब्द उत्पन्न होता है २. बांस आदि को भिद्यमान-विभाग करते हुए शब्दों की उत्पत्ति होती है। ___दोहिं ठाणेहिं पोग्गला साहण्णंति तंजहा - सई वा पोग्गला साहण्णंति, परेण
वा पोग्गला साहण्णंति। दोहिं ठाणेहिं पोग्गला भिजति तंजहा - सई वा पोग्गला भिजंति, परेण वा पोग्गला भिग्जंति। दोहिं ठाणेहिं पोग्गला परिसडंति तंजहा - सइंवा पोग्गला परिसडंति, परेण वा पोग्गला परिसाडिग्जंति एवं परिवडंति, विद्धंसंति। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - भिण्णा चेव, अभिण्णा चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - भेउरधम्मा चेव, णोभेउरधम्मा चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - परमाणु पोग्गला चेव, णोपरमाणुपोग्गला चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - सूहुमा चेव, बायरा चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - बद्धपासपुडा चेव, णोबद्धपासपुट्ठा चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - परियाइतच्चेव, अपरियाइतच्चेव। दुविहा पोग्गला पण्णत्ता तंजहा - अत्ता चेव, अणत्ता चेव। दुविहा
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