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स्थान ४ उद्देशक २
३०१ 000000000000000000000000000000000000000000000000000 अदीन । कोई एक पुरुष बाहर से अदीन किन्तु भीतर से दीन। कोई एक पुरुष बाहर से अदीन और भीतर से भी अदीन । चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष बाहर से दीन और दीनपरिणत यानी दीन परिणाम वाला । कोई एक पुरुष बाहर से दीन किन्तु परिणामों से अदीन । कोई एक पुरुष बाहर से अदीन किन्तु परिणामों से दीन । कोई एक पुरुष बाहर से अदीन और परिणामों से भी अदीन । चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष जाति से दीन और दीन रूप वाला यानी मलिन और जीर्ण वस्त्रों वाला । कोई एक पुरुष जाति से दीन किन्तु अदीन रूप वाला । कोई एक पुरुष जाति से अदीन किन्तु दीन रूप वाला । कोई एक पुरुष जाति से अदीन और अदीन रूप वाला । इसी प्रकार दीन मन वाला, दीन संकल्प यानी विचार वाला, दीनप्रज्ञा यानी बुद्धि वाला, दीन दृष्टि वाला, दीन शील आचार वाला, दीन व्यवहार वाला, इन सब की चौभङ्गी कह देनी चाहिए । जैसे कि कोई पुरुष जाति का दीन और मन का भी दीन यानी कृपण । कोई पुरुष जाति का दीन किन्तु मन का अदीन यानी उदार । कोई पुरुष जाति का अदीन किन्तु मन का दीन । कोई पुरुष जाति का भी अदीन और मन का भी अदीन । इसी प्रकार विचार, बुद्धि, दृष्टि, शील आचार और व्यवहार इन की भी चौभङ्गी कह देनी चाहिए । चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष बाहर से यानी शरीरादि से दीन और पराक्रम से भी दीन । कोई एक पुरुष शरीरादि से दीन किन्तु पराक्रम का अदीन । कोई एक पुरुष शरीरादि से अदीन किन्तु पराक्रम का दीन । कोई एक पुरुष शरीरादि से अदीन और पराक्रम का भी अदीन । चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष शरीरादि से बाहर से दीन और दीनवृत्ति वाला यानी दीनतापूर्वक आजीविका करने वाला। कोई एक पुरुष बाहर से दीन किन्तु अदीन वृत्ति वाला । कोई एक पुरुष अदीन किन्तु दीन वृत्ति वाला । कोई एक पुरुष अदीन और अदीनता से वृत्ति करने वाला । इसी प्रकार दीन जाति वाला अथवा दीन याची यानी दीनतापूर्वक याचना करने वाला अथवा दीनपुरुष के पास से याचना करने वाला । दीनभाषी यानी दीनतापूर्वक भाषण करने वाला अथवा दीन परुष के साथ भाषण करने वाला । दीनावभासी यानी दीन के समान दिखाई देने
वाला । इनकी चौभङ्गी कह देनी चाहिए । चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष . स्वयं दीन और दीन स्वामी की सेवा करने वाला । कोई एक पुरुष स्वयं अदीन किन्तु दीन की सेवा करने वाला । कोई एक पुरुष स्वयं दीन किन्तु अदीन की सेवा करने वाला । कोई एक पुरुष स्वयं अदीन और अदीन की सेवा करने वाला। इसकी भी, चौभङ्गी कह देनी चाहिए। इसी प्रकार कोई एक पुरुष दीन और दीनपर्याय यानी दीन अवस्था वाला अथवा दीनतापूर्वक दीक्षा का पालन करने वाला । कोई एक पुरुष स्वयं दीन, दीन परिवार वाला । इन सब की चौभङ्गी कह देनी चाहिए । इस प्रकार दीन शब्द की १७ चौभङ्गियाँ कही गई हैं।
विवेचन - कषाय, योग और इन्द्रियों को वश में नहीं करने से आत्मा दीन बनती है। दीन यानी
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