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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 हरिकंतच्चेव। एवं णिसढाओ वासहरपव्वयाओ तिगिंछिद्दहाओ दो महाणईओ पवहंति तंजहा - हरिच्चेव सीओअच्चेव। जंबू मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवंताओ वासहरपव्वयाओ केसरिबहाओ दो महाणइओ पवहंति तंजहा - सीया चेव णारीकंता चेव, एवं रुप्पीओ वासहरपव्वयाओ महापोंटरीयबहाओ दो महाणईओ पवहंति तंजहाणरकंता चेव रुप्पकूला चेव। जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं भरहे वासे दो पवायदहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा - गंगप्पवायहहे चेव सिंधुप्पवायहहे चेव। एवं हिमवए वासे दो पवायहहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा- रोहियप्पवायहहे चेव रोहियंसप्पवायहहे चेव। जंबू मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं हरिवासे वासे दो पवायहहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा - हरियप्पवायहहे चेव हरिकंतप्पवायइहे चेव । जंबू मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं महाविदेह वासे दो पवायदहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा - सीयप्पवायहहे चेव सीओयप्पवायहहे चेव। जंबूमंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं रम्मए वासे दो पवायदहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा- णरकंतप्पवायहहे चेव णारीकंतप्पवायहहे चेव। एवं एरण्णवए वासे दो पायदहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला सुवण्णकूलप्पवायहहे-चेव रुप्पकूलप्पवायहहे चेव। जंबूमंदरस्स पव्ययस्स उत्तरेणं एरवए वासे दो पवायदहा पण्णत्ता बहुसमतुल्ला तंजहा - रत्तप्पवायहहे चेव रत्तावइप्पवायहहे चेव। जंबूमंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं भरहे वासे दो महाणईओ पण्णत्ताओ बहुसमतुल्ला तंजहा - गंगा चेव सिंधु चेव, एवं जहा पवायइहा एवं णईओ भाणियव्वाओ जाव एरवए वासे दो महाणईओ पण्णत्ताओ बहुसमतुल्लाओ तंजहा - रत्ता चेव रत्तवई चेव॥३६॥
कठिन शब्दार्थ - महदहा - महाद्रह, पउमदहे - पद्म द्रह, पुंडरीयहहे - पुण्डरीक द्रह, सिरीश्री, लच्छी - लक्ष्मी, देवयाओ - देवियां, महाहिमवंतरुप्पीसु - महा हिमवान् और रुप्पी-रुक्मी, हिरि - ही, चेव - और, बुद्धि - बुद्धि, थिई - धृति, किर्तिच्चेव - और कीर्ति, रोहियच्चेव - रोहिता, हरिकंत- हरिकान्ता, महाणईओ - महा नदियाँ, पवहंति - निकलती है, सीओआ - सीतोदा, सीया - सीता, णारीकता - नारीकान्ता, णरकता - नरकान्ता, रुप्पकूला - रुप्यकूला, पवायदहा - प्रपात द्रह, गंगप्पवायहहे - गंगा प्रपात द्रह, सिंधुप्पवायहहे - सिन्धु प्रपात द्रह, रोहियप्पवायहहे - रोहित प्रपात द्रह, रोहियंसप्पवायहहे - रोहितांस प्रपात द्रह, सुवण्णकूलप्पवायहहे
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