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________________ ६८ आचारांग सूत्र द्वितीय श्रुतस्कंध ग्रहण कर सकते हैं। जैसे राख से मांजे हुए बर्तनों का धोया हुआ पानी, द्राक्षा का पानी आदि यदि किसी कारण से गृहस्थ पानी का भरा हुआ बर्तन उठाने में असमर्थ है और वह आज्ञा देता है तो साधु उस प्रासुक एवं एषणीय पानी को स्वयं ले सकता है। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा से जं पुण जाणिजा-अणंतरहियाए पुढवीए जाव संताणए ओह१ णिक्खित्ते सिया असंजए भिक्खुपडियाए उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा सकसाएण वा मत्तेण वा सीओदएण वा संभोएत्ता आहट्ट दलएज्जा तहप्पगारं पाणगजायं अफासुयं लाभे संते णो पडिगाहिजा॥ कठिन शब्दार्थ - अणंतरहियाए पुढवीए - सचित्त पृथ्वी पर, ओहट्ट - एक पात्र से अन्य पात्र में निकाल कर (लेकर), णिक्खित्ते - रक्खा हो, उदउल्लेण - जल टपकते हाथों से, ससिणिद्धेण - गीले हाथों से, सकसाएण - सचित्त पृथ्वींकाय आदि से संसृष्ट, मत्तेण - पात्र से, सीओदएण- सचित्त जल से, संभोइत्ता - मिला कर। भावार्थ - गृहस्थ के घर में प्रविष्ट हुआ साधु-साध्वी यह जाने कि-अचित्त जल, सचित्त पृथ्वी, पानी, अग्नि, वनस्पति, लीलन-फूलन पर या सूक्ष्म जीव जंतुओं पर रखा हुआ है या सचित्त जल आदि वाले पात्र से अन्य पात्र में निकाल कर रखा हुआ है अथवा असंयति गृहस्थ साधु के निमित्त से सचित्त पानी की बूंदे टपकते हुए या गीले पात्र अथवा हाथों से अथवा सचित्त पृथ्वी आदि से संसृष्ट पात्र से अथवा अचित्त जल में सचित्त जल मिलाकर देवे तो साधु इस प्रकार के जल को अप्रासुक और अनेषणीय जानकर ग्रहण न करे। विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में बताया गया है कि साधु को वही प्रासुक पानी ग्रहण करना चाहिये जो सचित्त पृथ्वी, पानी, अग्नि, वनस्पति आदि पर नहीं रखा हुआ हो गृहस्थ भी इन पदार्थों से युक्त न हो। एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्खुणीए वा सामग्गिय त्ति बेमि॥४२॥ ॥सत्तमो उद्देसो समत्तो॥ . भावार्थ - यह संयति साधु-साध्वियों का शुद्ध आचार है। ऐसा मैं कहता हूँ। । प्रथम अध्ययन का सातवां उद्देशक समाप्त॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004185
Book TitleAcharang Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages382
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size8 MB
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