SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३४ ४४४४ जो अग्नि के स्वरूप का ज्ञाता होता है वही संयम का आराधक होता है और जो संयम के स्वरूप को भलीभांति जानता है वही अग्निकाय के आरम्भ से निवृत्त होता है। इस तरह अशस्त्र रूप संयम और अग्निकाय रूप शस्त्र के आरम्भनिवृत्ति का घनिष्ट संबंध प्रस्तुत सूत्र में स्पष्ट किया है। आचारांग सूत्र ( प्रथम श्रुतस्कन्ध ) भी भी अग्नि शस्त्र और संयम अशस्त्र है (३०) वीरेहिं एवं अभिभूय दिट्ठ, संजएहिं सया जत्तेहिं सया अप्पमत्तेहिं । कठिन शब्दार्थ - वीरेहिं वीर पुरुषों (तीर्थंकरों) ने, सया सदा, अभिभूय परीषह उपसर्ग और ज्ञानावरणीय आदि घाती कर्मों को अभिभव जीत कर, दिट्ठ देखता है, संजएहिं - संयमी, जत्तेहिं यतनाशील अतिचार रहित मूलगुण और उत्तरगुण के पालन में प्रमादरहित। यत्न करने वाले, अप्पमत्तेहिं - अप्रमत्त भावार्थ सदा अप्रमत्त और सदा यतनाशील संयमी वीर पुरुषों ' ( तीर्थंकरों, सामान्य केवलियों) ने परीषह उपसर्ग और ज्ञानावरणीय आदि कर्मों को जीत कर यह देखा हैं अर्थात् अग्नि को शस्त्र रूप और संयम को अशस्त्र रूप देखा है। विवेचन - वीर पुरुषों अर्थात् सर्वज्ञ सर्वदर्शी केवलज्ञानियों ने यह फरमाया है कि अग्नि समस्त प्राणियों का घातक शस्त्र है और संयम समस्त प्राणियों का रक्षक अशस्त्र है। अतः मुमुक्षु प्राणियों को अग्नि के आरम्भ का त्याग कर शुद्ध संयम का पालन करना चाहिए । (३१) जे पत्ते गुणट्ठिए से हु दंडे ति पवुच्चइ । तं परिणाय मेहावी इयाणिं णो जमहं पुव्वमकासी पमाएणं । कठिन शब्दार्थ - पत्ते प्रमत्त प्रमादी, गुणट्ठिए - गुणार्थी अग्नि के आतप, प्रकाश आदि गुणों का अर्थी, दंडे दण्ड हिंसक, पवुच्च परिण्णाय- जानकर, मेहावी - मेधावी बुद्धिमान् पुरुष, पुव्वमकासी पमाएणं - प्रमाद से। Jain Education International - - - - - - For Personal & Private Use Only - - - रन्धन, पाचन, कहा जाता है, पहले किया था, - www.jainelibrary.org
SR No.004184
Book TitleAcharang Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages366
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy