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विषयानुक्रमणिका आचारांग सूत्र (प्रथम श्रुतस्कन्ध)
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विषय
- पृष्ठ | क्रं. विषय शस्त्र परिज्ञा नामक प्रथम
चतुर्थ उद्देशक अध्ययन . १-६० | १५. अग्निकाय की सजीवता ३२
प्रथम उद्देशक. . १६. अग्नि शस्त्र और संयम अशस्त्र है . १. प्रस्तावना
१७. अग्निकायिक हिंसा के कारण .. ३६ २. आत्म-बोध
| १८. अग्निकायिक जीव हिंसा का निषेध ३८ ३. क्रिया-बोध
पांचवां उद्देशक ४. हिंसा के हेतु
१९. अनगार लक्षण
३६ द्वितीय उद्देशक २०. संसार एवं संसार परिभ्रमण । ५. पृथ्वीकायिक जीवों की हिंसा
का कारण . ६. हिंसा के कारण
| २१. विषयासक्ति और अनासक्ति ४१ ७. पृथ्वीकायिक आदि जीवों को | २२. वनस्पतिकायिक जीव हिंसा - वेदना का अनुभव
२३. वनस्पतिकायिक हिंसा के कारण ४३ ८. पृथ्वीकायिक जीवों के आरंभ २४. मनुष्य और वनस्पति में समानता ४४ का निषेध
छठा उद्देशक तृतीय उद्देशक
२५. सकाय हिंसा ६. अनगार कौन?
२६. त्रसकायिक जीव हिंसा के कारण ५० १०. साधक का कर्तव्य
२७. त्रस जीवों की हिंसा के ११. अपकाय की सजीवता
. विविध कारण १२. अप्कायिक हिंसा के कारण | २८. सकाय हिंसा निषेध १३. अप्काय सजीव है .
सातवां उद्देशक १५. अपकायिक जीवों के आरंभ
२९. वायुकायिक जीव हिंसा निषेध का निषेध
३० | ३०. वायुकायिक हिंसा के कारण
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