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ज्ञ शरीर-भव्य शरीर-व्यतिरिक्त द्रव्य स्कन्ध का अन्यविध निरूपण
५१
भावार्थ - मिश्र द्रव्य स्कन्ध किस प्रकार का है?
मिश्र द्रव्य स्कन्ध अनेक प्रकार का है, जैसे - सेना का आगे का स्कन्ध, बीच का स्कन्ध तथा पीछे का स्कन्ध। यह मिश्र द्रव्य स्कन्ध का प्रतिपादन है।
विवेचन - मिश्र द्रव्य स्कन्ध में जो सेना का उदाहरण दिया गया है, उसका आशय यह है कि सेना सचित्त और अचित्त दोनों का समन्वित रूप है। सैनिक, हाथी, घोड़े आदि सचित्त हैं तथा खड्ग, ढाल, भाले, धनुष, बाण आदि अचित्त हैं। यों इसमें दोनों का सम्मिश्रण है।
(५१) ज्ञ शरीर-भव्य शरीर-व्यतिरिक्त द्रव्य स्कन्ध का
अन्यविध निरूपण अहवा जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वखंधे तिविहे पण्णत्ते। तंजहा - कसिणखंधे १ अकसिणखंधे २ अणेगदवियखंधे ३।
शब्दार्थ - अहवा - अथवा, कसिणखंधे - कृत्स्न-समग्र स्कन्ध, अकसिण - अकृत्स्नअसमग्र, अणेग - अनेक।
भावार्थ - अथवा ज्ञ शरीर - भव्य शरीर व्यतिरिक्त द्रव्य स्कन्ध के १. कृत्स्न द्रव्य स्कन्ध २. अकृत्स्न द्रव्य स्कन्ध तथा ३. अनेक द्रव्य स्कन्ध के रूप में तीन भेद हैं। .. .
(५२) से किं तं कसिणखंधे? कसिणखंधे - से चेव हयखंधे, गयखंधे जाव उसभखंधे। सेत्तं कसिणखंधे। भावार्थ - कृत्स्न स्कन्ध किस प्रकार का है?
कृत्स्न स्कन्ध, अश्व स्कन्ध, गजस्कन्ध यातव् वृषभ स्कन्ध के रूप में है, जैसा पहले व्याख्यात हुआ है। कृत्स्न स्कन्ध का यह स्वरूप है।
विवेचन - यहाँ सचित्त द्रव्य स्कन्ध के उदाहरण में अश्व स्कन्ध, गज स्कन्ध यावत् वृषभ स्कन्ध का उल्लेख हुआ है। वैसा ही कृत्स्न स्कन्ध के उदाहरण में दृष्टिगत होता है। यहाँ यह ज्ञातव्य है कि दोनों प्रसंगों की विवक्षा में अन्तर है। सचित्त द्रव्य स्कन्ध के उदाहरणों में
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