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________________ अनुयोगद्वार सूत्र शब्दार्थ जह - जैसे, ण - नहीं, पियं- प्रिय, जाणिय - जानो, हणइ है, हणावेइ - मरवाता है, वेसो- द्वेष करने योग्य, सममणइ दूसरा भी, पज्जाओ - पर्यायवाची नाम है। भावार्थ - जैसे मुझे दुःख प्रिय नहीं है, वैसे ही समस्त जीवों के लिए वह प्रिय नहीं है, इसे जानो ॥३॥ अतः जो न किसी का हनन करता है, न किसी का हनन करवाता ( मरवाता ) है, सभी को समान मानता है, वह इन्हीं कारणों से 'श्रमण' कहा जाता है ॥४॥ समस्त जीवों में न किसी से मेरा द्वेष है और प्रेम या राग ही । इस कारण से वह श्रमण कहा जाता है। यह श्रमण शब्द का दूसरा पर्याय (पर्यायवाची शब्द ) है। श्रमण जीवन की विभिन्न उपमाएं ४६० - उरगगिरिजलणसागर - णहतलतरुगणसमो य जो होइ । भमरमियधरणिजलरुह-, रविपवणसमो य सो समणो ॥ ५ ॥ Jain Education International - शब्दार्थ - उरग - सर्प, गिरि - पर्वत, जलण - ज्वलन - अग्नि, णहतल आकाश, तरुगणसमो - वृक्ष समूह सदृश, मिय- मृग, धरणि पृथ्वी, जलरुह रवि - सूर्य । भावार्थ जो सर्प, पर्वत, अग्नि, समुद्र, गगनतल, वृक्ष-समूह, भौंरा, - मारता समान मानता है, अण्णोऽवि For Personal & Private Use Only - - - नभतलं कमल, कमल, सूरज और वायु के सदृश होता है, वही श्रमण है ॥५ ॥ विवेचन - इस सूत्र में श्रमण जीवन की विशेषताओं का उपमाओं द्वारा विश्लेषण किया गया है । काव्यशास्त्र में शब्दसौष्ठव एवं वर्ण सौन्दर्य हेतु अलंकारों के प्रयोग का विधान है। जिस प्रकार कटक - कुण्डल आदि आभूषण देह को सुशोभित करते हैं, उसी प्रकार 'अलंकरोतीति अलंकारः' के अनुसार अलंकार शब्द रचना में सुंदरता और विशिष्टता का समावेश करते हैं। अर्थालंकारों में उपमा का अत्यधिक महत्त्व है। विषय के स्वरूप को उपमा द्वारा व्यक्त करने से उसमें वैशद्य आता है। यहाँ श्रमण उपमेय है तथा उरग आदि उपमान हैं, जिन द्वारा श्रमण को उपमित किया गया है। इतने विभिन्न उपमानों का प्रयोग श्रमण जीवन के वैविद्य पूर्ण संयम साधनामय, त्याग तपस्यामय वैशिष्ट्य का द्योतक है। संक्षेप में इन उपमानों का विवेचन इस प्रकार है - मृग, धरती, www.jainelibrary.org
SR No.004183
Book TitleAnuyogdwar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size9 MB
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