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व्यावहारिक क्षेत्रपल्योपम
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हे भगवन्! उपरिम-उपरिम ग्रैवेयक विमानों में देवों की स्थिति कितनी कही गई है?
हे आयुष्मन् गौतम! इनकी कालस्थिति जघन्यतः तीस सागरोपम की और उत्कृष्टतः इकतीस सागरोपम की कही गई है।
हे भगवन्! विजय, वैजयन्त, जयन्त और अपराजित विमानों के देवों की स्थिति कियत्कालिक प्रज्ञप्त हुई है? ___ हे आयुष्मन् गौतम! इनकी स्थिति जघन्यतः इकतीस सागरोपम की और उत्कृष्टतः तेतीस सागरोपम की परिज्ञापित हुई है।
हे भगवन्! सर्वार्थसिद्ध महाविमान के देवों की स्थिति कितनी प्रज्ञप्त हुई है? हे आयुष्मन् गौतम! इनकी कालस्थिति अजघन्य-अनुत्कृष्ट तेतीस सागरोपम की कही गई है। यह सूक्ष्म अद्धापल्योपम का निरूपण है। इस प्रकार अद्धापल्योपम का विवेचन समाप्त होता है।
(१४१)
क्षेत्रपल्योपम का निरूपण से किं तं खेत्तपलिओवमे?
खेत्तपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा - सुहुमे य १ वावहारिए य २। तत्थ णं जे से सुहुमे से ठप्पे। भावार्थ - क्षेत्र पल्योपम कितने प्रकार का होता है? क्षेत्र पल्योपम दो प्रकार का परिज्ञापित हुआ है - १. सूक्ष्म और २. व्यावहारिक। इनमें जो सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम है, वह (केवल) स्थापनीय है।
. व्यावहारिक क्षेत्रपल्योपम तत्थ णं जे से वावहारिए-से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, ते णं वालग्गा णो अग्गी
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