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________________ व्यावहारिक परमाणु का विश्लेषण बादर बादर - बादर, बादर सुहुमं च सुहुमथूलं च । सुहुमं च सुहुमसुहुमं, धरादियं होदि छब्भेयं ॥ उन्होंने परमाणुओं के छह भेदों का उल्लेख किया है १. बादर - बादर (स्थूल - स्थूल ) - मृत्तिका, पाषाण, काष्ठ आदि ठोस पदार्थ । २. बादर (स्थूल) - जल, तैल आदि तरल पदार्थ । ३. बादर - सुहुम (स्थूल सूक्ष्म) - उद्योत, उष्मा आदि । ४. सुहुमथूल (सूक्ष्म - स्थूल ) - भाप, हवा आदि । ५. सुहुम (सूक्ष्म) - कार्मिक वर्गणा आदि । ६. सुहुम सुहुम (सूक्ष्म सूक्ष्म) - अंतिम, निरंश, अभेद्य परमाणु । यहाँ यह ज्ञातव्य है कि पुद्गल परमाणु के इन छह भेदों में व्यवहार परमाणु का समावेश पांचवें भेद में होता है। से णं भंते! अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ? हंता! वीइवएज्जा । से णं भंते! तत्थ डहेज्जा ? णो इणट्ठे समट्ठे, णो खलु तत्थ सत्थं क्रमइ । शब्दार्थ - अगणिकायस्स - अग्निकाय के, मज्झंमज्झेणं - बीचों बीच से, वीइवएज्जागुजर सकता है, निकल सकता है (व्यतिव्रजन कर सकता है), डहेज्जा - जल जाता है। - भावार्थ कर सकता है हे भगवन्! क्या व्यावहारिक परमाणु अग्निकाय के बीचों बीच से व्यतिव्रजन निकल सकता है? - २८३ हाँ, वह निकल सकता है। हे भगवन् ! तब क्या वह उससे जल जाता है? नहीं, ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि अग्निकाय रूप शस्त्र की उस पर गति (असर) नहीं होती । Jain Education International विवेचन इस सूत्र में व्यतिव्रजति क्रिया का जो प्रयोग आया है, वह शब्द शास्त्र की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है । वि एवं अति उपसर्ग पूर्वक गमनार्थक व्रज धातु का यह विधिलिङ्ग का रूप है। - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004183
Book TitleAnuyogdwar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size9 MB
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