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________________ [20] ३६६ ४०० ४०३ ० क्रं. विषय .. पृष्ठ क्रं. विषय १८२. बद्ध-मुक्त वैक्रिय शरीर : संख्या ३७१ २०२. दृष्टसाधर्म्यवत् अनुमान १८३. बद्ध-मुक्त आहारक शरीर : परिमाण ३७२, २०३. अतीतकाल १८४. तैजस शरीर संख्या परिमाण ३७३ २०४. वर्तमानकाल ४०१ १८५. कार्मण शरीरों की संख्या ३७४ २०५. भविष्यत्काल ४०२ १८६. नारकों में बद्ध मुक्त शरीरों - २०६. विपरीत विशेषदृष्ट साधर्म्यवत् - की प्ररूपणा ३७४ अनुमान १८७. भवनवासियों के बद्ध-मुक्त शरीर ३७६ २०७. उपमान प्रमाण '४०५ १८८. पृथ्वी-अप्-तेजस्कायिक जीवों - २०८. साधोपनीत उपमान . के बद्ध-मुक्त शरीर __३७८ २०६. वैधोपनीत उपमान प्रमाण १८६. वायुकायिक जीवों के बद्ध- - २१०. आगम प्रमाण मुक्त शरीर ३७८ २११. दर्शनगुण प्रमाण १६०. वनस्पतिकायिक जीवों के बद्ध- २१२. चारित्रगुण प्रमाण मुक्त शरीर २१३. नयप्रमाण . ४२१ १६१. पंचेन्द्रिय जीवों के बद्ध-मुक्त शरीर ३८२ २१४. प्रस्थक दृष्टांत. १९२. वाणव्यंतर देवों के बद्ध-मुक्त शरीर ३८७ २१५. वसतिदृष्टान्त ४२४ १९३. ज्योतिष्क देवों के बद्ध-मुक्त शरीर ३८८ २१५. प्रदेश दृष्टान्त ४२६ १६४. वैमानिक देवों के बद्ध-मुक्त शरीर ३८६ २१६. संख्याप्रमाण विवेचन १६५. भाव प्रमाण ३९१ २१७. औपम्य संख्या १६६. गुणप्रमाण ३६१ २१८. सद्-सद्प औपम्य संख्या । ४३७ १६७. अजीव गुण प्रमाण ३६२ २१६. सद्-असद्प औपम्य संख्या ४३८ १६८. जीवगुण प्रमाण | २२०. असत् - सत् औपम्य संख्या . ४३८ १६६. अनुमान प्रमाण ३६५ / २२१. असद् - असद् रूप औपम्य संख्या ४३६ २००. पूर्ववत् अनुमान ३६५ २२२. परिमाण संख्या के भेद । ४३६ २०१. शेषवत् अनुमान ३६६ २२३. कालिकश्रुत परिमाणसंख्या ४४० ३८० ४२१ ४३२ ४३६ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004183
Book TitleAnuyogdwar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size9 MB
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