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________________ २६० Jain Education International - उत्तराध्ययन सूत्र सोलहवां अध्ययन - ब्रह्मचर्य समाधि भंग के कारण आलओ थीजणाइण्णो, थीकहा य मणोरमा । संथवो चेव णारीणं, तासिं इंदियदरिसणं ॥ ११॥ कूइयं रुइयं गीयं, हासभुत्तासियाणि य । पणीयं भत्तपाणं च, अइमायं पाणभोयणं ॥ १२ ॥ गत्तभूसणमिट्टं च, काम - भोगा य दुज्जया । रस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा ॥ १३ ॥ कठिन शब्दार्थ आलओ - स्थान, थीजणाइण्णों - स्त्रीजन से आकीर्ण, श्रीकहा स्त्रीकथा, संथवो - संस्तव, इंदियदरिसणं - इन्द्रियों को देखना, भुत्तासियाणि - भुक्त भोगों और सहावस्थान को स्मरण करना, गत्तभूसणमिट्ठ - शरीर को विभूषित करने की इच्छा, दुज्जया - दुर्जय, णरस्सत्तगवेसिस्स - आत्मगवेषी पुरुष के लिए, विसं विष, तालउंड जैसे। तालपुट, जहा भावार्थ १. स्त्रियों से व्याप्त स्थान और मनोरम ( मन को आनंद देने वाली ) २. स्त्रीकथा, ३. स्त्रियों के साथ परिचय और ४. उनकी नाक, आँख आदि इन्द्रियों को देखना ५. कूजित अर्थात् कोयल के समान मीठे शब्द, रुदन, गायन, हंसी का शब्द और ६. पहले भोगे हुए भोगों को तथा स्त्री के साथ एक आसन पर बैठना आदि कार्यों का स्मरण करना तथा 19. गरिष्ठ आहार -पानी का सेवन करना और ८. शास्त्रोक्त मर्यादा से अधिक आहार- पानी का सेवन करना, ६. शरीर की विभूषा करना और १० मनोज्ञ शब्दादि विषय एवं दुर्जय अर्थात् कठिनाई से जीते जाने योग्य कामभोग - ये दश बातें आत्मगवेषी पुरुष के लिए तालपुट विष के समान हैं अर्थात् जिस प्रकार तालपुट विष होठों के भीतर जा कर तालु के लगते ही प्राणों का नाश कर देता है, उसी प्रकार ये पूर्वोक्त दस स्थान संयम रूपी जीवन का नाश करने वाले हैं। इसलिए ब्रह्मचारी पुरुष को इनका सेवन कदापि नहीं करना चाहिये ॥ ११-१२-१३॥ विवेचन - प्रस्तुत तीन गाथाओं में ब्रह्मचर्य समाधि भंग होने के दस कारण बताए गए हैं। ब्रह्मचारी के लिये ये दशों कारण तालपुट विष के समान त्याज्य है। अतः ब्रह्मचारी साधक को इनका दूर से ही त्याग कर देना चाहिये । - For Personal & Private Use Only *** - www.jainelibrary.org
SR No.004180
Book TitleUttaradhyayan Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size8 MB
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