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________________ १२३ ★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★ कापिलीय - एषणा समिति कठिन शब्दार्थ - णाइवाइजा - अतिपात नहीं करता, समियत्ति - समिति-सम्यक् प्रवृत्ति वाला, वुच्चइ - कहा जाता है, णिजाइ - निकल जाता है, उदगं - पानी, थलाओ - स्थल से। भावार्थ - जो पुरुष प्राणियों की हिंसा नहीं करता, वह छह काय का रक्षक पांच समिति का धारक कहा जाता है। इसके बाद उससे ऊँचे स्थान से जल के समान पाप कर्म निकल जाता है अर्थात् जैसे ऊंची-ढालू भूमि पर पानी नहीं ठहरता और बह कर चला जाता है, उसी प्रकार छह काया के रक्षक, समिति गुप्ति युक्त मुनि से भी पापकर्म अलग हो जाता है। विवेचन - समिति युक्त आत्मा से पाप कर्म वैसे ही पृथक् हो जाते हैं जैसे ऊंचे स्थान से पानी चला जाता है इस प्रकार उक्त गाथा में पापकर्मों के पृथक् करने के कारणों का निर्देश किया गया है। जगणिस्सिएहिं भूएहि, तसणामेहिं थावरेहिं च। णो तेसिमारभे दंडं, मणसा वयसा कायसा चेव॥१०॥ कठिन शब्दार्थ - जग - लोक के, णिस्सिएहिं - आश्रित, भूएहिं - जीवों में, तसणामेहिं - बसों में, थावरेहिं - स्थावरों में, तेसिं - उनका, णो आरभे - आरंभ नहीं करे, दंडं - दण्ड का। भावार्थ - जगत् में रहे हुए उन त्रस नाम-कर्म का उदय वाले - त्रस और स्थावर नामकर्म का उदय वाले स्थावर प्राणियों की मन, वचन और काया से हिंसा का आरंभ नहीं करे। इसी प्रकार दूसरों से भी हिंसा का आरम्भ न करावें और करते हुए को भला भी न समझे। विवेचन - विचारशील पुरुष इस लोक में रहने वाले त्रस और स्थावर सभी जीवों को मन, वचन और काया से कभी दण्ड न देवे। यानी अपने आत्म-परिणामों को किसी भी जीव के प्रतिकूल धारण न करे। . इस प्रकार कपिल केवली ने उपर्युक्त गाथाओं में मूल गुणों का वर्णन किया। अब वे उत्तर गुणों में सर्वप्रथम एषणा समिति का कथन करते हैं। .. . एषणा समिति सुद्धसणाओ णच्चा णं, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं। जायाए घासमेसिजा, रसगिद्धे ण सिया भिक्खाए॥११॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004180
Book TitleUttaradhyayan Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size8 MB
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