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द्वितीय वक्षस्कार - भगवान् ऋषभ : गृहवास : श्रमण-दीक्षा
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रत्न विशेष के लक्षण ४३. वास्तु विद्या-भवन निर्माण संज्ञक विद्या ४४. सेना की छावनी (पड़ाव) का बोध ४५. नगर निर्माण ज्ञान ४६. व्यूह-सेना का विशेष आकार में परिस्थापन ४७. प्रतिद्वंद्वियों के व्यूह से रक्षा हेतु व्यूह रचना ४८. सैन्य-संचालन ४६. शत्रु सेना के प्रतिरोधार्थ सैन्य सज्जा ५०. चक्रव्यूह-चक्र के आकार में सैन्य संस्थापन ५१. गरुड़ के आकार में सैन्य व्यवस्थापन ५२. गाड़े के आकार में स्थापना ५३. युद्ध कला ५४. मल्लवत विशेष युद्ध ५५. आमने-सामने शस्त्रास्त्रों से लड़ना ५६. शरीर के अस्थि प्रधान बलिष्ठ भागों से टक्कर मारना ५७. मुष्टि प्रहार पूर्वक लड़ना ५८. भुजाओं से आघात पूर्ण युद्ध ५६. यथावसर कंटीली तीक्ष्ण लताओं से लड़ना ६०. इषुशास्त्र-दिव्य बाण विद्या का ज्ञान ६१. आवश्यक होने पर खड्ग की मूठ से प्रहार करना ६२. धनुर्विद्या का ज्ञान ६३. चांदी विषयक रासायनिक ज्ञान ६४. स्वर्ण विषयक रासायनिक ज्ञान ६५. धागों से विशेष प्रकार की क्रीड़ा का बोध ६६. गोलाकार घूमने के खेल विशेष का ज्ञान ६७. द्यूत में हारने की स्थिति में पासों के विपरीत प्रयोग का ज्ञान ६८. पत्तों के बीच स्थित किसी एक पत्ते का छेदन ६९. कटक, कुण्डल आदि का छेदन ७०. मृत को जीवित के समान दिखला देना ७१. जीवित को मृत के समान दिखला देने का कौशल ७२. पक्षियों की बोली शुभाशुभ रूप में पहचानना। ____स्त्रियों की चौसठ कलाएँ - १. नृत्य २. औचित्य ३. चित्र ४. वादित ५. मंत्र ६. तन्त्र ७. ज्ञान ८. विज्ञान ६. दम्भ १०. जल स्तम्भ ११. गीत-मान १२. ताल-मान १३. मेघ वृष्टि १४. जल-वृष्टि १५.. आराम-रोपण १६. आकार-गोपन १७. धर्म-विचार १८. शकुन-विचार १६. क्रिया-कल्प २०. संस्कृत-जल्प २१. प्रासाद-नीति २२. धर्म-रीति २३. वर्णिका-वृद्धि २४. स्वर्ण-सिद्धि २५. सुरभि-तैलकरण २६. लीला-संचरण २७. हय-गज-परिक्षण २८. पुरुषस्त्री-लक्षण २६. हेम-रत्न-भेद ३०. अष्टादश-लिपि-परिच्छेद ३१. काम-विक्रिया ३२. वास्तुसिद्धि ३३. तत्काल-बुद्धि-प्रत्युत्पन्नमति ३४. वैद्यक-क्रिया ३५. कुंभ-भ्रम ३६. सारिश्रम ३७. अंजन-योग ३८. चूर्ण-योग ३६. हस्त-लाघव ४०. वचन-पाटव ४१. भोज्य-विधि ४२. वाणिज्य-विधि ४३. मुख-मंडन ४४. शालि-खंडन ४५. कथा-कथन ४६. पुष्प-ग्रथन ४७. वक्रोक्ति ४८. काव्य शक्ति ४६. स्फारविधिवेश ५०. सर्वभाषा-विशेष ५१. अभिधानज्ञान ५२. भूषण-परिधान ५३. भृत्योपचार ५४. गृहोपचार ५५. व्याकरण ५६. परनिराकरण ५७. रन्धन ५८. केश-बन्धन ५६. वीणा-नाद ६०. वितंडावाद ६१. अंक-विचार ६२. लोक व्यवहार ६३. अन्त्याक्षरिका ६४. प्रश्न-प्रहेलिका।
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