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सप्तम् वक्षस्कार - तारों का पारस्परिक अंतर
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तारों का पारस्परिक अंतर
(२०३) जम्बुद्दीवे णं भंते! दीवे तारारूवस्स य तारारूवस्स य केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते?
गोयमा! दुविहे अंतरे पण्णत्ते, तंजहा-वाघाइए य णिव्वाघाइए य, णिव्वाघाइए जहण्णेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणं दो गाउयाई, वाघाइए जहण्णेणं दोण्णि छावढे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साई दोण्णि य बायाले जोयणसए तारारूवस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते।
भावार्थ - हे भगवन्! जंबूद्वीप में एक तारे से दूसरे तारे का कितना अंतर बतलाया गया है?
हे गौतम! व्याघातिक - बीच में आए हुए पर्वत आदि के व्यवधान से युक्त तथा निर्व्याघातिक - सर्वथा व्यवधान रहित, के रूप में दो प्रकार के अंतर बतलाए गए हैं। एक तारे से दूसरे तारे का निर्व्याघातिक अंतर न्यूनतम ५०० धनुष तथा उत्कृष्टतम दो गव्यूत (चार कोश) बतलाया गया है।
एक तारे से दूसरे तारे का व्याघातिक अंतर कम से कम २६६ योजन तथा अधिकतम १२२४२ योजन कहा गया हैं। ज्योतिष्क देवों की प्रमुख देवियाँ
(२०४) चंदस्स णं भंते! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ?
गोयमा! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा - चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, तओ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि २ देवीसहस्साइं परिवारो पण्णत्तो, पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णं देवीसहस्सं विउव्वित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवीसहस्सा, सेत्तं तुडिए।
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