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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
हे भगवन्! इन १५ दिनों के क्या-क्या नाम बतलाए गये हैं?
हे गौतम! उनके १५ नाम इस प्रकार हैं - १. पूर्वांग २. सिद्धमनोरम ३. मनोहर ४. यशोभद्र ५. यशोधर ६. सर्वकाम समृद्ध ७. इन्द्रमूर्धाभिषिक्त ८. सौमनस ६. धनंजय १०. अर्थसिद्ध ११. अभिजात १२. अत्यशन १३. शतंजय १४. अग्निवेश्म और १५. उपशम। - हे भगवन्! इन १५ दिनों की तिथियाँ किन-किन नामों से अभिहित हुई है? ..
हे गौतम! इनकी पन्द्रह तिथियाँ इन नामों से अभिहित हुई हैं - १. नंदा २. भद्रा ३. जया ४. तुच्छा ५. पूर्णा, पुनश्चय ६. नंदा ७. भद्रा ८. जया ६. तुच्छा १०. पूर्णा, पुश्नच ११. नंदा १२. भद्रा १३. जया १४. तुच्छा १५. पूर्णा।
इस प्रकार तीन आवृत्तियों में पन्द्रह तिथियाँ होती है। हे भगवन्! प्रत्येक पक्ष में कितनी रात्रियाँ कही गई हैं? . ..
हे गौतम! प्रत्येक पक्ष में १५ रात्रियाँ कही गई हैं - यथा - प्रतिपदा रात्रि यावत् पंचदसी (अमावस्या या पूर्णिमा की) रात्रि।
हे भगवन्! इन पन्द्रह रात्रियों के क्या-क्या नाम कहे गए हैं?
हे गौतम! इनके पन्द्रह नाम कहे गए हैं - १. उत्तमा २. सुनक्षत्रा ३. एलापत्या ४. यशोधरा ५. सौमनसा ६. श्रीसंभूता ७. विजया ८. वैजयन्ती ६. जयंती १०. अपराजिता ११. इच्छा १२. समाहारा १३. तेजा १४. अतितेजा १५. देवानंदा अथवा निरति।
हे भगवन्! इन पन्द्रह रात्रियों की कौन-कौन सी तिथियाँ कही गई हैं? .
हे गौतम! इनके नाम इस प्रकार हैं - १. उग्रवती २. भोगवती ३. यशोमती ४. सर्व सिद्धा ५. शुभनामा पुनश्च ६. उग्रवती ७. भोगवती ८. यशोमती ६. सर्वसिद्धा १०. शुभनामा पुनरपि ११. उग्रवती १२ भागवती १३. यशोमती १४. सर्वसिद्धा १५. शुभनामा। इस प्रकार तीन आवृत्तियों में समस्त रात्रियों की तिथियों का समावेश हो जाता है। ..
हे भगवन्! प्रत्येक अहोरात्र में कितने मुहूर्त कहे गए हैं?
हे गौतम! तीस मुहूर्त कहे गए हैं - रुद्र, श्रेय, मित्र, वायु, सुपीत, अभिचंद्र, माहिंद्र, बलवान, ब्रह्म, बहुसत्य, ईशान, त्वष्टा, भावितात्मा, वैश्रमण, वारुण, आनंद, विजय, विश्वसेन, प्राजापत्य, उपशम, गंधर्व, अग्निवेश्म, शतवृषभ, आतप, अमम, ऋणवत्, भौम, वृषभ, सर्वार्थ तथा राक्षस।
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