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सप्तम् वक्षस्कार - चन्द्र-मुहूर्त गति
...........४१६ एवं खलु एएणं उवाएणं जाव संकममाणे २ तिण्णि २ जोयणाई छण्णउइं च पंचावण्णे भागसए एगमेगे मण्डले मुहत्तगई णिवुड्ढेमाणे २ सव्वन्भंतरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ।
भावार्थ - हे भगवन्! जब चन्द्रमा सर्वाभ्यंतर मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तो वह प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करता है?
हे गौतम! वह प्रतिमुहूर्त ५०७३ ०७४. योजन क्षेत्र पार करता है। तब वहाँ स्थित (भरतार्द्ध क्षेत्र) मनुष्यों को ४७२६३२० योजन की दूरी से दिखलाई पड़ता है।
हे भगवन्! जब चन्द्रमा दूसरे आभ्यंतर मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तब वह प्रतिमुहूर्त कितने क्षेत्र को पार करता है?
हे गौतम! तब वह प्रतिमुहूर्त ५०७७-१७० योजन पार क्षेत्र करता है।
हे भगवन्! जब चन्द्रमा तृतीय आभ्यंतर मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तो वह प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करता है? .
हे गौतम! तब वह प्रतिमुहूर्त ५०८०२, योजन पार करता है।
इस क्रमानुसार निष्कमण करता हुआ चन्द्रमा यावत् प्रत्येक मंडल पर ३,१०० योजन क्षेत्र पार करता है।
हे भगवन्! जब चन्द्र सर्वबाह्य मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तब वह प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करता है?
हे गौतम! वह ५१२५ १९५० योजन क्षेत्र पार करता है। तब वहाँ अवस्थित लोगों को ३१८३१ योजन की दूरी से दिखलाई देता है।
हे भगवन्! जब चन्द्र द्वितीय बाह्य मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तब वह प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करता है?
हे गौतम! वह प्रतिमुहूर्त ५१२१ 13योजन क्षेत्र पार करता है। .
हे भगवन्! जब चन्द्र तृतीय बाह्य मंडल को उपसंक्रांत कर गति करता है तब प्रतिमुहूर्त वह कितना क्षेत्र पार करता है?
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पपद.
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