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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
हे गौतम! उसके चार कूट कहे गये हैं - १. सिद्धायतन कूट २. चित्रकूट ३. कच्छकूट ४. सुकच्छकूट।
वे परस्पर उत्तर-दक्षिण में एक समान है। पहला सिद्धायतन कूट शीता महानदी की उत्तर दिशा में तथा चौथा सुकच्छकूट नीलवान् वर्षधर पर्वत की दक्षिण दिशा में है। चित्रकूट नामक परम समृद्धिमान् देव वहाँ निवास करता है। राजधानी तक का समस्त वर्णन यहाँ पहले की तरह योजनीय है।
सुकच्छविजय
(११२) कहि णं भंते! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते?
गोयमा! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं गाहावईए महाणईए पच्चत्थिमेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए जहेव कच्छे विजए तहेव सुकच्छे विजए, णवरं खेमपुरा रायहाणी सुकच्छे राया समुप्पजइ तहेव सव्वं।
कहि णं भंते! जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते?
गोयमा! सुकच्छविजयस्स पुरस्थिमेणं महाकच्छस्स विजयस्स पच्चत्थिमेणं णीलवंतस्स वासहसपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियम्बे एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे णामं कुण्डे पण्णत्ते, जहेव रोहियंसाकुण्डे तहेव जाव गाहावइदीवे भवणे, तस्स णं गाहावइस्स कुण्डस्स दाहिणिल्लेणं तोरणेणं गाहावई महाणई पवूढा समाणी सुकच्छमहाकच्छविजए दुहा विभयमाणी २ दाहिणेणं सीयं महाणई समप्पेइ, गाहावई णं महाणई पवहे य मुहे य सव्वत्थ समा पणवीसं जोयणसयं विक्खंभेणं अड्डाइजाई जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसण्डेहिं जाव दुण्हवि वण्णओ।
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