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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
इस तिगिछद्रह की चारों दिशाओं में त्रिसोपानमार्ग-तीन-ती, सीढियाँ बनी हुई हैं। लम्बाईचौड़ाई को छोड़कर इसका अवशिष्ट वर्णन पद्मद्रह के सदृश जानना चाहिए यावत् इन पर स्थित पद्म आदि की आभा तिगिंछद्रह के समान है। यहाँ स्थित धृतिदेवी अत्यंत ऋद्धिशालिनी तथा एक पल्योपम आयुष्य युक्त है। हे गौतम! इसी कारण यह इस नाम से कहलाया है।
(१०१) - तस्स णं तिगिछिहहस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं हरिमहाणई पवूढा समाणी सत्त जोयणसहस्साइं चत्तारि य एक्कवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, एवं जा चेव हरिकंताए वत्तव्वया सा चेव हरीएवि णेयव्वा, जिभियाए कुंडस्स दीवस्स भवणस्स तं चेव पमाणं अट्ठोऽवि भाणियव्वो जाव अहे जगई दालइत्ता छप्पण्णाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरस्थिमं लवणसमुदं समप्पेड़, तं चेव पवहे य मुहमुले य पमाणं उव्वेहो य जो हरिकंताए जाव वणसंडसंपरिक्खित्ता। - तस्स णं तिगिछिद्दहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं सीओया महाणई पवूढा समाणी सत्त जोयणसहस्साई चत्तारि य एगवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, सीओया णं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिन्मिया पण्णत्ता चत्तारि जोयणाई आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं जोयणं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठ-संठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०।
सीओया णं महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे सीओयप्पवायकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते चत्तारि असीए जोयणसए आयामविक्खंभेणं पण्णरसअट्ठारे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं अच्छे एवं कुंडवत्तव्वया णेयव्वा जाव तोरणा।
तस्स णं सीओयप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे सीओयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते चउसद्धिं जोयणाई आयामविक्खंभेणं दोण्णि वि उत्तरे
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