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________________ क्रं. ५. ६. विषयानुक्रमणिका जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र १. जम्बूद्वीप का स्वरूप २. जंबूद्वीप का परकोटा ७. विषय प्रथम वक्षस्कार ३. वनखण्ड ४. जंबूद्वीप के भव्य द्वार भरत क्षेत्र का स्थान एवं स्वरूप वैताढ्य पर्वत का वर्णन विद्याधर श्रेणियों का स्वरूप सिद्धायतन कूट की अवस्थिति ८. ६. दक्षिणार्द्ध भरत कूट १०. उत्तरार्द्ध भरत स्वरूप ११. ऋषभ कूट: Jain Education International आरक- सुषम सुषमा १५. मानवों की आयु १६. अवसर्पिणी- सुषमाकाल पृष्ठ क्रं. विषय १-३६ १७. भगवान् ऋषभ : गृहवास : श्रमण दीक्षा ७२ . १८. केवल्य : संघ स्थापना ७८ १६. परिनिर्वाण पर देवकृत महोत्सव ८५ २०. अवसर्पिणी- दुषम सुषमा आरक ६७ २१. अवसर्पिणी का दुःषमा आरक ६८ २२. अवसर्पिणी का दुःषम- दुःषमा आरक ६६ २३. भावी उत्सर्पिणी के दुःषम दुःषमा एवं ७ द्वितीय वक्षस्कार ३७-११२ १२. भरत क्षेत्र में कालानुवर्तन १३. काल विस्तार १४. अवसर्पिणी का प्रथम ८ १० १५ १८ २२ ३० ३३ ३५ . ३७ ४० दुःषमा आरक १०६ २४. पानी, दूध, घी और अमृत की वर्षा १०७ १०६ ११० २५. क्रमशः सुखमय स्थितियाँ २६. उत्सर्पिणी: अवशेष आरक तृतीय वक्षस्कार ११३-२१३ २७. राजधानी विनीता २८. चक्रवर्ती सम्राट भरत २६. चक्ररत्न का उद्भव एवं उत्सव ३०. राजधानी की सुसज्जा ३१. भरत का मागध तीर्थ की दिशा में प्रस्थान पृष्ठ ४३ ६६ ६५ ३२. वरदाम तीर्थ पर विजय For Personal & Private Use Only ११३ ११४ ११६ ११८ १२५ १३५ www.jainelibrary.org
SR No.004179
Book TitleJambudwip Pragnapti Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2004
Total Pages498
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jambudwipapragnapti
File Size9 MB
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