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________________ [20] **** *** ******* ***** * ****** *****kakakakakkark********** ********** क्रं. विषय पृष्ठ | क्रं. विषय पृष्ठ ६०. द्वारिका में उद्घोषणा और | ११३.भगवान् महावीर स्वामी काकृष्ण की धर्मदलाली : १०३ राजगृह पदार्पण ६१. पद्मावती को वैराग्य १०५ | ११४.सुदर्शन सेठ की शुभ भावना ६२. दीक्षा की आज्ञा १०५ | ११५.सुदर्शन और माता-पिता का संवाद १३२ ६३. पद्मावती का दीक्षा-महोत्सव - १०६ | ११६.माता पिता की स्वीकृति १३४ . ६४. पद्मावती आर्या की साधना और मुक्ति १०६ | ११७.सुदर्शन की निर्भीकता ६५. २-८ अध्ययन - ११३ | ११८.सागारी अनशन ग्रहण १३५ ६६. मूलश्री और मूलदत्ता ११४ | ११६.यक्ष की हार १३७ छठा वर्ग ११६-१७२ १२०.उपसर्ग मुक्त . .. १३८ ६७. अध्ययन - परिचय . ११६ | | १२१.अर्जुनमाली की भावना . १४० ६८. प्रथम अध्ययन - मकाई गाथापति ११७ / १२२.भगवान् की पर्युपासना और दीक्षा १४० ६६. मकाई अनगार बने ११७ / १२३.अर्जुन अनगार की प्रतिज्ञा . १४३ १००.संयम पालन और मोक्ष ११८ | १२४.अर्जुन अनगार को उपसर्ग १४४ १०१.द्वितीय अध्ययन-किंकम गाथापति ११८ । | १२५.अर्जुन अनगार की सहनशीलता १४६ १०२.तृतीय अध्ययन - मुद्गरपाणि- | १२६.अर्जुन अनगार की मुक्ति १४६ (अर्जुन मालाकार) . ११९ | १२७.चतुर्थ अध्ययन-काश्यप गाथापति १५३ १०३.अर्जुनमाली की यक्ष भक्ति १२० / १२८.पंचम अध्ययन-क्षेमक गाथापति १५३ १०४.ललित गोष्ठी की स्वच्छंदता १२१ | १२६.छठा अध्ययन-धुतिधर गाथापति १५४ १०५.पति-पत्नी द्वारा पुष्प-चयन |-१३०.सप्तम अध्ययन-कैलाश गाथापति १५४ १०६.ललित गोष्ठी का दुष्ट चिंतन १२२ | १३१.अष्टम अध्ययन-हरिचंदन गाथापति १५५ १०७.बंधुमती के साथ भोगोपभोग १२३ १३२.नौवां अध्ययन-वारत्तक गाथापति १५५ १०८.अर्जुनमाली का चिंतन १२४ | १३३.दसवाँ अध्ययन-सुदर्शन गाथापति ·१५६ १०६.यक्षाविष्ट अर्जुनमाली का कोप १२५ १३४.ग्यारहवां अध्ययन-पूर्णभद्र गाथापति १५६ ११०.प्रतिदिन सात प्राणियों की हत्या १२५ १३५.बारहवाँ अध्ययन-सुमनभद्रगाथापति १५७ १११.श्रेणिक की उद्घोषणा १३६.तेरहवाँ अध्ययन-सुप्रतिष्ठ गाथापति १५७ ११२.सुदर्शन श्रमणोपासक १३७.चौदहवाँ अध्ययन-मेघ गाथापति १५८ १२६ १३० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004178
Book TitleAntkruddasha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages254
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size48 MB
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