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________________ एकादश उपासक प्रतिमाएं kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk अक्रियावादी के समकक्ष क्रियावादी का वर्णन जो इस सूत्र में आया है, वह सत्क्रियावाद का समर्थक है। वैसे क्रियावादी को आस्तिकवादी कहा गया है। क्योंकि उसकी आत्मा स्वर्ग, नरक, पुण्य, पाप, मोक्ष आदि में अत्यन्त विश्वासयुक्त होती है। विश्वास ही कर्म में प्रतिफलित होता है। अत एव वह पापकर्मा नहीं होता। आगे उसे यह और चेतावनी दी गई है - ऐसी सन्निष्ठा, सद्विश्वास और आस्तिकवादिता के बावजूद यदि उसके क्रियाकलाप या कर्म सावद्यता और पापबहुलता से व्याप्त रहें तो वह भी नरकगामी होता है। ___ एकादश उपासक प्रतिमाएं अह पढमा उवासगा पडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं णो सम्मं पट्टवियपुव्वाइं भवंति, एवं उवासगस्स पढमा दंसणपडिमा॥१५॥ . अहावरा दोच्चा उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं सम्मं पट्टवियाई भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं णो सम्मं अणुपालित्ता भवइ, दोच्चा उवासगपडिमा॥१६॥ अहावरा तच्चा उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई. सीलवयगुणवेरमण-पच्चक्खाणपोसहोववासाइं सम्मं पट्टवियाइं भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं चउद्दसिअट्ठ-मिउहिट्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहोववासं णो सम्म अणुपालित्ता भवइ, तच्चा उवासगपडिमा॥१७॥ - अहावरा चउत थी)था उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूइं सीलवय-गुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं सम्मं पट्ठवियाइं भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं सम्म अणुपालित्ता भवइ, से णं चउद्दसिअटुमिउद्दिट्टपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालित्ता भवइ, से णं एगराइयं उवासगपडिमं णो सम्म अणुपालित्ता भवइ, चउत्था उवासगपडिमा॥१८॥ .. अहावरा पंचमा उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवय...जाव सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं सामाइय...तहेव, से णं चउद्दसि...तहेव, से णं एगराइयं उवासगपडिमं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं असिणाणए वियडभोई Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004177
Book TitleTrini Ched Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages538
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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