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________________ ७. अबोधि - मिथ्यात्व का कार्य ८. उन्मार्ग - अमार्ग हिंसा आदि, ये आठ बोल जान कर छोड़ने योग्य हैं। उपरोक्त आठ आत्मविरोधी प्रतिकूल आचरण का त्याग कर - १. संयम २. ब्रह्मचर्य ३. कल्प-कृत्य ४. सम्यग्ज्ञान ५. सक्रिया ६. सम्यक्त्व ७. बोधि ८. सन्मार्ग इन आठ बोलों को स्वीकार करना। जं संभरामि, जं च न संभरामि - साधक कहता है कि जिन दोषों की मुझे स्मृति है उनका प्रतिक्रमण करता हूँ और जिन दोषों की स्मृति नहीं भी रही है उनका भी प्रतिक्रमण करता हूँ। ___जं पडिक्कमामि जं च न पडिक्कमामि - जिनका प्रतिक्रमण करता हूं, जिनका प्रतिक्रमण नहीं करता हूं उन सब दैवसिक अतिचारों का प्रतिक्रमण करता हूँ। ___ शंका - जिनका प्रतिक्रमण करता हूं फिर भी उनका प्रतिक्रमण करता हूं - इसका क्या अर्थ ? प्रतिक्रमण का भी प्रतिक्रमण करना कुछ समझ में नहीं आता? समाधान - इस शंका का समाधान करते हुए आचार्य जिनदास 'पडिक्कमामि' का अर्थ परिहरामि करते हैं और कहते हैं - 'शारीरिक दुर्बलता आदि किसी विशेष परिस्थितिवश यदि मैंने करने योग्य सत्कार्य छोड़ दिया हो - न किया हो और न करने योग्य कार्य किया हो तो उस सब अतिचार का प्रतिक्रमण करता हूं।' . समणोऽहं (मैं श्रमण हूं) - 'श्रमण' शब्द में साधना के प्रति निरन्तर जागरूकता, सावधानता एवं प्रयत्नशीलता का भाव रहा हुआ है 'मैं श्रमण हूं' अर्थात् साधना के लिए कठोर श्रम करने वाला हूं। मुझे जो कुछ पाना है, अपने श्रमं अर्थात् पुरुषार्थ के द्वारा ही पाना है। संजय (संयत) - संयम में सम्यक् यत्न करने वाला। अहिंसा, सत्य आदि कर्त्तव्यों में साधक को सदैव सम्यक् प्रयत्न करते रहना चाहिये। यह संयम की साधना का भावात्मक रूप है। विस्य (विरत) - सब प्रकार के सावध योगों से विरति - निवृत्ति करने वाला। जो संयम की साधना करना चाहता है उसे असदाचरण रूप समस्त सावद्य प्रयत्नों से निवृत्त होना ही चाहिये। असंयम में निवृत्ति और संयम में प्रवृत्ति करने से ही साधना का वास्तविक रूप स्पष्ट होता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004176
Book TitleAavashyak Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages306
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size6 MB
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