________________
2/1 वि । देंतं (दा) व 2/11 पि (अ) = भी। तह (अ)=तथा। निवारंति (निवार) व 3/2 सक । अत्था (अत्थ) 1/2। किं (अ) = क्या । किविणत्या [ (किविण) वि-(त्थ) 1/2 वि ] । सत्थावत्था [(सत्थ) + (प्रवत्था)] [ (स-त्थ) वि-(प्रवत्था)] 1/1 ] । सुयंति
(सुय) व 3/2 अक । व्व (अ) = की तरह । 76. निहणंति (निहण) व 3/2 सक। धणं (धण) 2/1। घरणीयलम्मि
(धरणीयल) 7/1 | इय (अ)=इस तरह । जाणिऊण (जाण) संकृ । किविणजणा [ (किविण)वि-(जण) 1/2 ] | पायाले (पायाल) 7/1 । गंतव्वं (गंतव्व) विधिक 1/1 अनि । ता (अ) = उस (इस) कारण से । गच्छउ (गच्छ) विधि 3/1 सक। अग्गठाणं [ (अग्ग)-(ठाण) 2/1] । पि (अ) = भी।
77. करिणो (करि)6/1 । हरिणहरवियारियस्स [(हरि)-(णहर)-(वियार)
भूक 6/1]। दीसंति (दीसंति) व कर्म 3/2 सक अनि । मोतिया (मोत्तिय)1/2 । कुंभे (कुभ) 7/1। किविणाण (किविण) 6/2 वि । नवरि (अ)= केवल । मरणे (मरण) 7/1 । पयड (पयड) 1/2 वि आगे संयुक्त अक्षर (च्चिय) आगे से दीर्घ स्वर हृस्व स्वर हुआ है। च्चिय (अ) = ही। हुंति (हु) व 3/2 अक । भंडारा (भंडार) 1/2 ।
78. देमि (दा) व 1/1 सक । न (अ) = नहीं । कस्स (क) 4/1 सवि ।
वि (अ)=भी। जंपइ (जप) व 3/1 सक । उद्दारजणस्स [(उद्दार) वि-(जण) 4/1] । विविहरयणाई [(विविह) वि-(रयण) 2/2] । चाएण' (चाप) 3/1 । विणा (प्र)=बिना । वि (अ)=ही । नरो (नर) 1/1। पुणो वि (अ)=फिर भी। लच्छीइ (लच्छी) 3/1 । पम्मुक्को (पम्मुक्क) भूक 1/1 अनि । 1. 'बिना' के योग में तृतीया, द्वितीया या पंचमी विभक्ति होती है ।
जीवन-मूल्य ]
[
55
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org