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मोत्तु (मोत्त) हेकृ अनि गुणावलेवो [(गुण) + (अवंलेवो)] [(गुण)(प्रवलेव) 1/1] तीरइ (तीर) व 3/1 अक कह णु (म) = कैसे विषय-ट्ठिएहि [(विणय)-ट्ठि) भूक 3/2 अनि] पि (प्र) - भी मुक्कम्मि (मुक्क) भूक 7/1 पनि जम्मि (ज) 7/1 स सो (त) 1/1 सवि च्चिअ (प्र) =ही विउणपरं (क्रिविन) = दुगने से भी अधिक रूप से फुरइ (फुर) व 3/1 अक हिअम्मि (हिप्र) 7/1
36. दूमिज्जंता (दूम) कर्म वकृ 1/2 हिपएण' (हिप्रम) 3/1 किंपि
(प्र) - कुछ चितेंति (चिंत) व 3/2 सक जइ (अ) = यदि ण (अ) = नहीं जाणामि (जाण) व 1/1 सक किरियासु (किरिया) 7/2 पुण (अ) = किन्तु पअति (पअट्ट) व 3/2 अक सज्जणा (सज्जण) 1/2 णावरद्ध [(ण) + (अवरद्ध)] ण (अ) = नही अवरद्ध (प्रवरद्ध) 7/1 वि (अ) = भी * कभी कभी सप्तमी विभक्ति के स्थान पर तृतीया यिभक्ति का
प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत ब्याकरणः 3-137) 37. महिमं (महिम) 2/1 दोसाण (दोस) 4/2 गुणा (गुण) 1/2
- दोसा (दोस) 1/2 वि (प्र) = तथा हु (अ) = भी देति (दा) - व 3/2 सक गुण-णिहाअस्स [(गुण)-(णिहाप्र) 4/2] दोसाण
(दोस) 6/2 जे (ज) 1/2 सवि गुणा (गुण) 1/2 ते (त) 1/2 स गुणाण (गुण) 6/2 जइ (म) - यदि ता (प्र) - ती
णमो (प्र) = नमस्कार ताण (त) 4/2 स 38. - संसेविळण (सं-सेव) संकृ दोसे (दोस) 2/2 अप्पा (अप्प) 1/1 लोकानुभूति :-...
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