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निच्छियमईओ (निच्छियमइ) 5/1 | दुक्खपरिकेसकर [(दुक्ख) वि(परी-केसकर) 2/1 वि] । छिद (छिद). विधि 2/1 सक । ममत्त
(ममत्त) 2/1 । सरीराओ (सरीर) 5/11 . 39 भावे' (भाव) 7/1। विरत्तो (विरत्त) 1/1. वि। मणुओ (मणुप्र)
1/1 । विसोगो (विसोग) 1/1 वि । एएण (एअ) 3/1 सवि । दुक्खोहपरंपरेण [ (दुक्ख) + (प्रोह) + (परंपरेण) ] [ (दुक्ख) - (प्रोह)(परंपर) 3/1] । न (अ) = नहीं। सिप्प (लिप्पइ) व कर्म 3/1 अनि । भवमझे [(भव)-(मज्झ) 7/1] । वि (म) = भी । संतो (मंत) 1/1 वि । जलेण (जल) 3/1 | पा (प्र) = जैसे कि । पोक्खरिणीपलासं [(पोक्खरिणी)- (पलास) 1/1] ! 1. पंचमी विभक्ति के स्थान पर कभी कभी सप्तमी विभक्ति का
प्रयोग होता है । (हेम प्राकृत व्याकरण 3-136) .
2. 'छन्द की मात्रा की पूर्ति हेतु 'इ' को 'ई' किया गया है । 40 धम्मो (धम्म) 1/1। मंगलमुक्कि [(मंगलं)+ (उक्किट्ठ) ] मंगल
(मंगल) 1/1 उक्किट्ठ (उक्किट्ठ) 1/1 वि । अहिंसा (अहिंसा) 1/1 । संजमो (संजम) 1/1 तवो (तव) 1/1 | देवा (देव) 1/2 । वि (अ) = भी । तं (त) 2/1 स । नमसंति (नमंस) व 3/2 सक । जस्स (ज) 6/1
स । धम्मे (धम्म) 7/1 । सया (म) = सदा । मणो (मण) 1/1 । 41 धम्मो (धम्म)1/1 । वत्थसहावो [(वत्यु)-(सहाव)1/1] । खमादिभावो
[(खमा)+ (मादि) + (भावो)] [(खमा)- (आदि)- (भाव) 1/1] । य (म)- भी। बसविहो (दसविह) 1/1 वि। रयणतयं (रयण) - (त्तय) 1/1]। च (प्र) = भी। जीवाणं (जीव) 6/1। रक्खणं
(रक्खण) 1/11 42 कोहेण (कोह) 3/1। जो (ज) 1/1 सवि । ण (अ) = नहीं। तप्पदि
(तप्पदि) व कर्म 3/1 सक। सुर-गर-तिरिएहि [(सुर) - (गर) -
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[ समणसुत्तं
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