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9. कर्मण्येवाधिकारस्ते [(कर्मणि) + (एव) + (अधिकारः) + (ते)]
कर्मणि (कर्मन्) 7/1. एव (प्र)=ही. अधिकारः (अधिकार) 1/1. ते (युष्मद) 6/1 स. मा (प्र)= नहीं फलेषु (फल) 7/3 कदाचन (म)= कभी मा (प्र)= मत कर्मफलहेतुर्भूर्मा [(कर्मफल)+ (हेतुः) + (भूः) +मा)] [(कर्मफल)-(हेतु)1 1/1] (अ) भूः (भू) भू 2/1 अक मा (अ)=न ते (युष्मद्) 6/1 स सङ्गोऽस्त्वकर्मणि [(सङ्गः) + (प्रस्तु) + (अकर्मणि)] सङ्गः (सङ्ग)1/1. अस्तु (मस्)
माज्ञा 3/1 अकं. अकर्मणि (प्र-कर्मन्) 7/1. 10. योगस्थः [(योग)-(स्थ) 1/1 वि] कुर (कृ) प्राज्ञा 2/1 सक
कर्माणि (कर्मन्) 2/3 सङ्ग त्यक्त्वा [ (सङ्गम्) + (त्यक्त्वा)]सङ्गम् (स) 2/1 त्यक्त्वा (त्या) पूकृ धनंजय (धनंजय) 8/1 सिरायसिखयोः [(सिद्धि) + (प्रसिद्धयोः)] [(सिद्धि)-(प्रसिद्धि) 7/2] समो भूत्वा [(समः) + (भूत्वा)] समः (सम) 1/1 वि भूत्वा (भू) पूछ समत्वं योग उच्यते [(समत्वम्) + (योगः) + (उच्यते)] समत्वम् (समत्व) 1/1. मोगः (योग) 1/1. उच्यते (बू)
व कर्म 3/1 सक. 11. बुद्धियुक्तो जहातीह [(बुद्धियुक्तः) + (जहाति) + (इह)] बुखियुक्तः - (बुद्धि)-(युज्+युक्त) भूक 1/1]जहाति (हा)व 3/1सक. इह (अ)=
1. 'कर्मफलहेतु'-Impelled by (the expectation of ) the ___ . consequences of any act (Monier Williams, Sans
Eng. Dictionary P. 1303 col III) 2. 'मा' के योग में सामान्यभूत का 'म' लुप्त हो जाता है । मोर माशा मर्थ में
प्रयुक्त होता है। 3. समास के अन्त में प्रयुक्त । 4. समास में या करण के साथ पर्थ होता है : सहित, भरा हुमा मादि ।
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