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'अष्टपाहुड' (ख) पं. पन्नालालजी साहित्याचार्य द्वारा सम्पादित 'अष्टपाहुड' जो कुन्दकुन्द भारती के अन्तर्गत प्रकाशित है और (ग) पं. मोतीलाल गौतमचन्द कोठारी द्वारा सम्पादित 'अष्टपाहुड' । इन तीनों विद्वानों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। 'अष्टपाहुड चयनिका' के लिए (क) प्रति को प्राधारभूत माना है । और उसके पाठों में (ख) और (ग) प्रति के प्राधार पर सुधार किया है। जिन पाठों में सुधार किया है उनकी सूची 'पाठ सुधार' के अंतर्गत दे दी गई है। ___ डा. सी. एन. माथुर (सह-प्रोफेसर, मनोविज्ञान-विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर) ने इसकी प्रस्तावना को पढनेसुनने के लिए समय दिया इसके लिए उनका आभारी हूँ। उनसे विचार-विमर्श उपयोगी रहा । डा. श्यामराव व्यास (सहायक प्रोफेसर दर्शन विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर), डा. उदयचन्द जैन तथा डा. हुकमचन्द जैन (जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर), डा. सुभाष कोठारी तथा श्री सुरेश सिसोदिया (आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर) के सहयोग के लिए भी आभारी हूं। ... मेरी धर्म-पत्नी श्रीमती कमलादेवी सोगाणी ने इस पुस्तक की गाथाओं का मूल ग्रंथ से सहर्ष मिलान किया है। इसके लिए आभार प्रकट करता हूँ।
इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर के सचिव श्री देवेन्द्रराज मेहता तथा संयुक्त सचिव एवं निदेशक महोपाध्याय श्री विनयसागरजी ने जो व्यवस्था की है, उसके लिए उनका हृदय से आभार प्रकट करता हूं। प्रोफेसर, दर्शन विभाग
कमलचन्द सोगाणी मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर (राजस्थान) 25.7.87 xxiv ]
[ अष्टपाहुड
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