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52. रोगेण वा छुधाए तण्हाए वा समेण वा रूढं।
दिट्ठा समणं साहू पडिवज्जदु आदसत्तीए।।
रोगेण
वा
छुधाए
(रोग) 3/1 अव्यय (छुधा) 3/1 (तण्हा) 3/1 अव्यय (सम) 3/1
तण्हाए
वा
समेण
अव्यय
रोग से अथवा भूख से प्यास से अथवा कष्ट से अथवा लदे हुए देखकर श्रमण को श्रमण अंगीकार करे अपनी शक्तिपूर्वक
दिहा
समणं
श्रम
साहू पडिवज्जदु आदसत्तीए
(रूढ) भूक 2/1 अनि (दिट्ठा) संकृ अनि (समण) 2/1 (साहु) 1/1 (पडिवज्ज) विधि 3/1 सक (आदसत्तीए) 3/1 तृतीयार्थक अव्यय
अन्वय- साहू रोगेण वा छुधाए वा तण्हाए वा समेण रूढं समणं दिट्ठा आदसत्तीए पडिवज्जदु। __अर्थ- (शुभोपयोगी) श्रमण रोग से अथवा भूख से अथवा प्यास से अथवा कष्ट से लदे हुए (पीड़ित) श्रमण को देखकर अपनी शक्तिपूर्वक (सहायता करने के लिए उनको) अंगीकार करे।
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प्रवचनसार (खण्ड-3) चारित्र-अधिकार