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शब्द
अगारि
अच्वंत
अजधाचार
अज्झत्थ
अणंत
अणगार
अणासव
अणाहार
अण्ण
अण्णाणि
अधर
अधिग
अर्थ
अपयत्त
अप्प
अप्पग
गृहस्थ
अत्यन्त
अशुद्ध-आचार
मन में स्थित (अंतरंग)
अनन्त
श्रमण
विशेषण - कोश
कर्मास्रव-रहित
निराहारी
पर
अज्ञान
धारण करनेवाला नहीं
हीण
अपडिकम्म
अपत्थणिज्ज अप्रार्थनीय
जागरूकता-रहित
थोड़ा
आत्मक
गा.सं.
प्रवचनसार (खण्ड- 3) चारित्र -अधिकार
50
71
72
73
66
51,75
45
177 335
अधिकतावा
विशिष्ट
शारीरिक शृंगार से वियुक्त 5
23
16
23, 31, 51
56
27
43
38,43
66
67
57
62, 66, 67, 68
(117)