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50.
उप्पादो पद्धंसो विज्जदि जदि जस्स एकसमयम्हि। समयस्स सो वि समओ सभावसमवट्ठिदो हवदि।।
उत्पाद
नाश
उप्पादो पद्धंसो विज्जदि जदि
(उप्पाद) 1/1 (पद्धंस) 1/1 (विज्ज) व 3/1 अक अव्यय (ज) 6/1 सवि. [(एक)-(समय) 7/1] (समय) 6/1 . (त) 1/1 सवि
जस्स
रहता है यदि जिसका एकसमय में समय का
एकसमयम्हि
समयस्स
वह
वि
अव्यय .
.
समय
समओ सभावसमवट्टिदो
(समअ) 1/1 [(सभाव)-(समवट्ठिद) भूकृ 1/1 अनि] (हव) व 3/1 अक
अस्तित्ववान पदार्थ पर अवस्थित होता है
हवात
अन्वय- जस्स समयस्स एकसमयम्हि जदि उप्पादो पद्धंसो विज्जदि सो समओ सभावसमवट्ठिदो वि हवदि।
अर्थ-जिस समय का एकसमय में यदि उत्पाद (और) नाश रहता है (तो) वह समय अस्तित्ववान पदार्थ पर ही अवस्थित (टिका हुआ) होता है।
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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