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10. समवेदं खलु दव्वं संभवठिदिणाससण्णिदतुहिं।
एक्कम्मि चेव समये तम्हा दव्वं खु तत्तिदयं।।
समवेदं खलु दव्वं संभवठिदिणाससण्णिदढेहिं संभवठिदिणास- सण्णिददेहिं
(समवेद) 1/1 वि अभेद्यरूप से संयुक्त अव्यय
निस्सन्देह (दव्व) 1/1
द्रव्य [(संभवठिदिणाससण्णिद +(अ हिं)] [(संभव)-(ठिदि)-(णास)- उत्पत्ति, स्थिति और (सण्णिद) वि-(अट्ठ) 3/2] विनाश नामक आशयों
के साथ (एक्क) 7/1 वि
एक .. . अव्यय (समय) 7/1
समय में . . अव्यय
इसलिए (दव्व) 1/1
द्रव्य अव्यय
निश्चय ही (तत्तिदयं) 1/1 अनि वह तीन का समूह
एक्कम्मि चेव समये
तम्हा
दव्वं
तत्तिदयं
अन्वय- दव्वं खलु एक्कम्मि चेव समये संभवठिदिणाससण्णिदतुहिं समवेदं तम्हा दव्वं खु तत्तिदयं ।
अर्थ- द्रव्य निस्सन्देह एक ही समय में उत्पत्ति (उत्पाद), स्थिति (ध्रौव्य) और विनाश (व्यय) नामक आशयों के साथ अभेद्यरूप से संयुक्त है, इसलिए वह द्रव्य (एक समय में) निश्चय ही तीन का समूह (है)।
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प्रवचनसार (खण्ड-2)
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