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27. णाणं अप्प त्ति मदं वट्टदि णाणं विणा ण अप्पाणं।
तम्हा णाणं अप्पा अप्पा णाणं व अण्णं वा।।
णाणं
अप्प त्ति
* *
वट्टदि
णाणं विणा
ण
नहीं
(णाण) 1/1
ज्ञान [(अप्प)+ (इति)] अप्प (मूलशब्द) (अप्प) 1/1 आत्मा इति (अ) = चूँकि चूँकि (मद) भूकृ 1/1 अनि कहा गया (वट्ट) व 3/1 अक होता है (णाण) 1/1 .
ज्ञान अव्यय
बिना अव्यय (अप्पाण) 2/1°
आत्मा के अव्यय
इसलिए (णाण) 1/1
ज्ञान (अप्प) 1/1
आत्मा (अप्प) 1/1
आत्मा (णाण) 1/1
ज्ञान अव्यय
और (अण्ण) 1/1 सवि. अन्य अव्यय
अप्पाणं तम्हा णाण अप्पा अप्पा णाणं
व
.
.
अण्णं वा
* * *
भी
.... अन्वय- अप्प णाणं मदं त्ति अप्पाणं विणा णाणं ण वट्टदि तम्हा णाणं अप्पा व अप्पा गाणं वा अण्णं।
अर्थ- आत्मा ज्ञान कहा गया (है)। चूँकि आत्मा के बिना ज्ञान नहीं होता है, इसलिये ज्ञान आत्मा (है) और आत्मा ज्ञान (है) (तथा) अन्य भी (है) अर्थात् (अन्य गुणों से युक्त भी होता है)। 1. 'बिना' के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
प्रवचनसार (खण्ड-1)
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