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25. हीणो जदि सो आदा तण्णाणमचेदणं ण जाणादि।
अहिओ वा णाणादो णाणेण विणा कहं णादि।।
हीणो जदि सो आदा तण्णाणमचेदणं
जाणादि अहिओ वा णाणादो णाणेण विणा कहं . णादि
(हीण) 1/1 वि
कम अव्यय.
• यदि (त) 1/1 सवि
वह (आद) 1/1
आत्मा [(तण्णाणं)+(अचेदणं)] तण्णाणं (तण्णाण) 1/1 अनि वह ज्ञान अचेदणं (अचेदण) 1/1 वि चैतन्यरहित अव्यय
नहीं (जाण) व 3/1 सक जानेगा (अहिअ) 1/1 वि
अधिक अव्यय
और (णाण) 5/1
ज्ञान से (णाण) 3/1
ज्ञान के अव्यय
बिना अव्यय (णा) व 3/1 सक
जानेगा
पणा
कैसे
- अन्वय- जदि सो आदा णाणादो हीणो तण्णाणमचेदणं ण जाणादि वा अहिओ णाणेण विणा कहं णादि।
... अर्थ- यदि वह आत्मा ज्ञान से कम है (तो) वह ज्ञान चैतन्यरहित (होता है) (अतः) (वह) नहीं जानेगा और (यदि वह आत्मा) (ज्ञान से) अधिक है (तो) (वह आत्मा) ज्ञान के बिना कैसे जानेगा?
1.
वर्तमानकाल के प्रत्ययों के होने पर कभी-कभी अन्त्यस्थ 'अ' के स्थान पर 'आ' हो जाता है। (हेम-प्राकृत-व्याकरणः 3-158 वृत्ति)। प्रश्नवाचक शब्दों के साथ वर्तमानकाल का प्रयोग प्रायः भविष्यत्काल के अर्थ में होता
2.
'बिना' के योग में द्वितीया, तृतीया तथा पंचमी विभक्ति का प्रयोग होता है।
प्रवचनसार (खण्ड-1)
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