________________
अर्थ- देवताओं, दानवों, मनुष्यों के स्वामियों के (अरिहंत अवस्था में) वैभव (लौकिक और अलौकिक) के साथ जीव के लिए दर्शन, ज्ञान प्रधान चारित्र से निर्वाण (परम-आनन्द) प्राप्त होता है।
यहाँ 'साथ' के योग में तृतीया विभक्ति का प्रयोग हुआ है। अतः विहवेहिं का अर्थ है- वैभव के साथ
प्रवचनसार (खण्ड-1)
(17)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org