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एक पुरुष तथा एक स्त्री को देवी की पूजा करते हुए बताया गया है। मध्यभाग में नवगृह का अंकन है जिसमें सूर्य, सौम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू तथा केतु प्रदर्शित किये गये हैं और सूर्य को बहुत ही सुन्दर रूप में प्रदर्शित किया गया
चिन्तामणि पार्श्वनाथ : यह प्रतिमा काले पाषाण की है। इसके लेख के अनुसार यह प्रतिमा संवत् 1223 में बनाई गई थी। भगवान पद्मासन मुद्रा में है तथा महापुरुष के लक्षण भलीभांति दिखाई देते हैं। प्रतिमा के वक्ष पर श्रीवत्स चिह साथ ही निचले भाग में आलेखन भी है जिसमें अष्टकोण फूल बहुत ही सुन्दर है। यह यद्यपि श्रीवत्स चिह व ऊपर से लगी आंखों के कारण श्वेताम्बर प्रतिमा लगती है पर लेख में मूलसंघ का उल्लेख उसे दिगम्बर सिद्ध करता है।
ध्यानमग्न तीर्थंकर प्रतिमा : यह प्रतिमा लगभग 12वीं शताब्दी की मानी जाती है। यह ओखलेश्वर उज्जैन से प्राप्त हुई थी और शिप्रा नदी के मध्य पानी में पड़ी थी। प्रतिमा अत्यन्त प्रमाणबद्ध है। सम्भवतः मुस्लिम आक्रमण के भय से इसे नदी में डाल दिया गया हो। - भग्न ऋषभदेव प्रतिमा : इस प्रतिमा का निचला भाग ही बचा हुआ है। इस प्रतिमा में सं.1299 का लेख उत्कीर्ण है जो इस प्रकार है:
संवत् 1299 चैत्र सुदी 6 शने आचार्य श्री सागरचन्द्र श्री खंडिलवालानवये सा. (साहू) भरहा भार्या गौरी प्रणमति नियंः।
इस प्रतिमा की विशेषता यह है कि यह पद्मासन मुद्रा में है तथा पैरों के निकट ही बहुत सुन्दर नन्दि, जो भगवान ऋषभदेव का चिह है, उत्कीर्ण है।
इस संग्रहालय में कुछ प्रतिमाएं स्तम्भ पर उत्कीर्ण है। ऐसी प्रतिमाओं में चिन्तामणि पार्श्वनाथ की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की लक्षणों के आधार पर है जो समभंग मुद्रा में प्रदर्शित की गई है। हाथ घुटनों से कुछ नीचे तक है। उनके निकट ही ध्यानमग्न तीर्थंकर है जो पद्मासन में बैठे हैं। स्तम्भ का पिछला भाग यद्यपि बिलकुल साधारण बनाया गया है परन्तु दो और 12 तीर्थंकर ध्यानमग्न अवस्था में बताये गये हैं। जिनका आकार लगभग 3 इंच है तथा सभी पद्मासन में है। स्तम्भ का आधा भाग अप्राप्त है। अन्यथा 24 तीर्थकर दिखाई देते। तृतीय स्तम्भ भाग में केवल भगवान तीर्थंकर को ही प्रदर्शित किया है जिनके आसपास छोटेछोटे बारीक स्तम्भ आकृति है। भगवान पद्मासन मुद्रा में ध्यानमगन है।
श्री मालवा प्रांतीय दिगम्बर जैन संग्रहालय जयसिंहपुरा, उज्जैन में अनेक स्थानों से लाई गई जैन प्रतिमाएं संग्रहित हैं। इनमें से इस काल की प्रतिमाओं का विवरण इस प्रकार है1781
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